‘आँखों-देखी चीज़ों से नहीं, विश्वास से चलिए’
रोमी सेना यरूशलेम पर कब्ज़ा करने के बजाय वापस लौट जाती है। दो मसीही परिवारों को एक मुश्किल-भरा फैसला करना पड़ता है। क्या वे यीशु की आज्ञा मानकर अपनी चीज़ें हमेशा के लिए छोड़कर चले जाएँगे? उनके फैसले का अंजाम या तो ज़िंदगी हो सकती है या मौत। इस वीडियो में बाइबल की वे घटनाएँ दिखायी गयी हैं जो इतिहास के मुताबिक सही हैं। हकीकत बयान करने के लिए लड़ाई-झगड़े के सीन भी दिखाए गए हैं। मगर इसमें हिंसा को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर नहीं दिखाया गया है बल्कि सिर्फ वे बातें दिखायी गयी हैं जो पहली सदी के मसीहियों को झेलनी पड़ीं।