19-25 मई
नीतिवचन 14
गीत 89 और प्रार्थना | सभा की एक झलक (1 मि.)
1. विपत्ति आने पर हर कदम सोच-समझकर उठाइए
(10 मि.)
“हर बात” पर आँख मूँदकर यकीन मत कीजिए (नीत 14:15; प्र23.02 पेज 23 पै 10-12)
सिर्फ अपनी भावनाओं या तजुरबे पर निर्भर मत रहिए (नीत 14:12)
उन लोगों की मत सुनिए जो यहोवा के संगठन से मिलनेवाली हिदायतें नहीं मानते (नीत 14:7)
मनन के लिए: प्राचीनो, विपत्ति आने पर क्या आप यहोवा पर भरोसा रखने और उसकी हिदायतें मानने के लिए तैयार हैं?—प्र24.07 पेज 5-6 पै 11.
2. ढूँढ़ें अनमोल रत्न
(10 मि.)
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नीत 14:17—“जो रुककर सोचता है उससे नफरत की जाती है,” इसके क्या मतलब हो सकते हैं? (इंसाइट-2 पेज 1094)
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इस हफ्ते पढ़ने के लिए जो अध्याय है, उसमें आपको क्या-क्या रत्न मिले?
3. पढ़ने के लिए आयतें
(4 मि.) नीत 14:1-21 (जी-जान गुण 11)
4. बातचीत शुरू करना
(3 मि.) सरेआम गवाही देना। एक ऐसे व्यक्ति को बाइबल से कुछ बताइए, जो देश की आर्थिक हालत की वजह से चिंता में है। (प्यार पाठ 3 मुद्दा 3)
5. वापसी भेंट करना
(4 मि.) घर-घर का प्रचार। घर-मालिक ने पिछली मुलाकात में जिस विषय पर दिलचस्पी दिखायी थी, उसी विषय पर उसे एक पत्रिका दिखाइए। (प्यार पाठ 9 मुद्दा 4)
6. बाइबल अध्ययन चलाना
(5 मि.) अपने विद्यार्थी को हर दिन बाइबल पढ़ने का लक्ष्य रखने का बढ़ावा दीजिए। उसे यह भी बताइए कि वह यह लक्ष्य कैसे हासिल कर सकता है। (जी-जान गुण 19)
गीत 126
7. विपत्ति का सामना करने के लिए तैयार रहिए
(15 मि.) चर्चा।
यह भाग एक प्राचीन पेश करेगा। इस बारे में अगर शाखा दफ्तर और प्राचीनों के निकाय ने कुछ हिदायतें दी हैं, तो उन्हें दोहराइए।
हम “आखिरी दिनों” में जी रहे हैं, इसलिए हम जानते हैं कि मुसीबतें बढ़ती ही जाएँगी। (2ती 3:1; मत 24:8 पर अध्ययन नोट, अ.बाइ.) अकसर देखा गया कि किसी विपत्ति से पहले या विपत्ति आने पर यहोवा के लोगों को ऐसी हिदायतें दी जाती हैं जिनसे उनकी जान बच सकती है। अगर हम किसी भी विपत्ति से बचना चाहते हैं, तो यह ज़रूरी है कि हम अभी से तैयारी करें और यहोवा के साथ अपना रिश्ता मज़बूत करें।—नीत 14:6, 8.
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यहोवा के साथ अपना रिश्ता मज़बूत कीजिए: बाइबल पढ़ने और निजी अध्ययन करने की अच्छी आदत डालिए। अलग-अलग तरीकों से प्रचार करने का अपना हुनर बढ़ाइए। अगर आप कुछ वक्त के लिए भाई-बहनों से मिल ना पाएँ, तो घबराइए मत। (नीत 14:30) यहोवा और यीशु हमेशा आपके साथ होंगे।—संगठित पेज 176-177 पै 15-17
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ज़रूरत की चीज़ें तैयार रखिए: आपातकालीन बैग (go bag) तैयार करने के अलावा, अपने परिवार के लिए काफी मात्रा में खाने की चीज़ें, पानी, दवाइयाँ और दूसरी ज़रूरी चीज़ें रखिए। अचानक खतरा आने पर अगर आपको लंबे समय तक घर पर ही रहना पड़े, तो ये चीज़ें आपके काम आएँगी।—नीत 22:3; सज17 अंक5 पेज 4
क्या आप विपत्ति का सामना करने के लिए तैयार हैं? वीडियो दिखाइए। फिर हाज़िर लोगों से पूछिए:
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विपत्ति के समय यहोवा हमारी मदद कैसे कर सकता है?
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विपत्ति का सामना करने के लिए हम अभी से कौन-से व्यावहारिक कदम उठा सकते हैं?
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विपत्ति की मार झेलनेवाले भाई-बहनों की मदद हम कैसे कर सकते हैं?
8. मंडली का बाइबल अध्ययन
(30 मि.) गवाही दो अध्या. 26 पै 18-22, पेज 209 पर बक्स