नयी मसीही मंडली परखी गयी
जो नए चेले यरूशलेम में रुक गए थे, उनमें से यूनानी बोलनेवाली विधवाओं के साथ भेदभाव किया गया था। क्या इस अन्याय की वजह से उन्हें ठोकर लगी? या फिर उन्होंने यह सोचकर सब्र रखा कि यहोवा सही समय पर सबकुछ ठीक कर देगा?
जब स्तिफनुस को पत्थरों से मारा गया और यरूशलेम के मसीहियों पर बहुत ज़ुल्म होने लगे, तो वे पूरे यहूदिया और सामरिया में तितर-बितर हो गए। वहाँ जाने के बाद क्या वे प्रचार काम में ढीले पड़ गए?
यहोवा की मदद से नयी मंडली ने धीरज धरा और उसमें बढ़ोतरी हुई।—प्रेष 6:7; 8:4.
खुद से पूछिए, ‘मैं परीक्षाओं का सामना कैसे कर रहा हूँ?’