12-18 नवंबर
प्रेषितों 1-3
गीत 38 और प्रार्थना
आज की सभा की एक झलक (3 मि. या उससे कम)
पाएँ बाइबल का खज़ाना
“मसीही मंडली पर पवित्र शक्ति उँडेली गयी”: (10 मि.)
[प्रेषितों की किताब पर एक नज़र नाम का वीडियो दिखाइए।]
प्रेष 2:1-8, 14, 37, 38, 41—जब यीशु के चेलों ने पवित्र शक्ति पाने के बाद गवाही दी, तो करीब 3,000 लोगों ने बपतिस्मा लिया
प्रेष 2:42-47—यीशु के चेलों की दरियादिली और मेहमान-नवाज़ी की वजह से नए चेले ज़्यादा समय तक यरूशलेम में रह पाए और उनका विश्वास मज़बूत हुआ (प्र87 9/1 पेज 28 पै 4-5, 7)
ढूँढ़ें अनमोल रत्न: (8 मि.)
प्रेष 3:15—यीशु को ‘जीवन दिलानेवाला खास अगुवा’ क्यों कहा गया है? (इंसाइट-2 पेज 61 पै 1)
प्रेष 3:19—इस आयत के मुताबिक यहोवा पश्चाताप करनेवालों को किस हद तक माफ करता है? (यहोवा के करीब पेज 265 पै 14)
इस हफ्ते के अध्यायों से आपने यहोवा के बारे में क्या सीखा?
इन अध्यायों में आपको और क्या-क्या रत्न मिले?
पढ़ने के लिए आयतें: (4 मि. या उससे कम) प्रेष 2:1-21
बढ़ाएँ प्रचार में हुनर
पहली मुलाकात: (2 मि. या उससे कम) “गवाही कैसे दें” भाग में दिया सुझाव आज़माइए।
दूसरी मुलाकात का वीडियो: (5 मि.) वीडियो दिखाइए और चर्चा कीजिए।
भाषण: (6 मि. या उससे कम) इंसाइट-1 पेज 129 पै 2-3—विषय: यहूदा के बदले किसी और को प्रेषित क्यों चुना गया, जबकि वफादार प्रेषितों की मौत के बाद ऐसा नहीं हुआ?
जीएँ मसीहियों की तरह
गीत 21
“कई भाषाओंवाले इलाके में प्रचार करने के लिए सहयोग दीजिए”: (15 मि.) सेवा निगरान इस भाग पर चर्चा करेगा। वीडियो दिखाइए और चर्चा कीजिए। अगर आपकी मंडली ऐसे इलाके में प्रचार करती है, तो बताइए कि क्या इंतज़ाम किए गए हैं।
मंडली का बाइबल अध्ययन: (30 मि.) विश्वास की मिसाल अध्या 20 पै 14-26 और “मनन के लिए सवाल”
सीखी बातों पर एक नज़र और अगले हफ्ते की एक झलक (3 मि.)
गीत 12 और प्रार्थना