8-14 जून
उत्पत्ति 46-47
गीत 86 और प्रार्थना
सभा की एक झलक (1 मि.)
पाएँ बाइबल का खज़ाना
“अकाल से राहत”: (10 मि.)
उत 47:13—मिस्र और कनान में भारी अकाल पड़ा (प्र88 8/1 पेज 7 पै 2)
उत 47:16, 19, 20—अपनी जान बचाने के लिए मिस्रियों को कुछ त्याग करने थे
उत 47:23-25—आज हमें बहुतायत में ऐसी जानकारी दी जा रही है जिससे यहोवा के साथ हमारा रिश्ता मज़बूत हो। इस जानकारी से फायदा पाने के लिए हमें मेहनत करनी होगी (राज किताब पेज 235 पै 11-12)
ढूँढ़ें अनमोल रत्न: (10 मि.)
उत 46:4—यूसुफ ने ‘अपने हाथ से याकूब की आँखें बंद की,’ इसका क्या मतलब था? (इंसाइट-1 पेज 220 पै 1)
उत 46:26, 27—याकूब के घराने में से कितने लोग मिस्र आए? (प्रेष 7:14 अ.बाइ. नोट)
इस हफ्ते के अध्यायों से आपने यहोवा, प्रचार सेवा और दूसरे मामलों के बारे में क्या सीखा?
पढ़ने के लिए आयतें: (4 मि. या कम) उत 47:1-17 (जी-जान गुण 10)
बढ़ाएँ प्रचार में हुनर
पहली मुलाकात का वीडियो: (4 मि.) चर्चा। वीडियो दिखाइए। फिर हाज़िर लोगों से पूछिए: प्रचारक ने किस तरह कुशलता से सवाल किए? उसने किस तरह आयत से मिलनेवाली सीख बतायी?
पहली मुलाकात: (3 मि. या कम) “गवाही कैसे दें” में दिया सुझाव अपनाकर बात शुरू कीजिए। फिर प्रकाशनों के पिटारे में से कोई प्रकाशन दीजिए। (जी-जान गुण 3)
पहली मुलाकात: (5 मि. या कम) “गवाही कैसे दें” में दिया सुझाव अपनाकर बात शुरू कीजिए। फिर सिखाती है किताब दीजिए और अध्याय 9 से बाइबल अध्ययन शुरू कीजिए। (जी-जान गुण 14)
जीएँ मसीहियों की तरह
यहोवा जो हिदायतें याद दिलाता है, उन पर ध्यान देते रहिए: (15 मि.) यहोवा जो हिदायतें याद दिलाता है उन्हें अनमोल समझिए वीडियो दिखाइए। सभी को बढ़ावा दीजिए कि वे बाइबल पढ़ते रहें और यहोवा जो भी खाना उपलब्ध कराता है, उसे लेते रहें।—यश 25:6; 55:1; 65:13; मत 24:45.
मंडली का बाइबल अध्ययन: (30 मि.) बच्चों को सिखाइए कहानी 9
समाप्ति के चंद शब्द (3 मि. या कम)
गीत 73 और प्रार्थना