1 कुरिंथियों 3:1-23

3  इसलिए भाइयो, मैं तुमसे ऐसे बात न कर सका जैसे उन लोगों से, जो परमेश्‍वर की पवित्र शक्‍ति के मार्गदर्शन में चलते हैं, बल्कि मुझे ऐसे बात करनी पड़ी जैसे दुनियावी* लोगों से और उनसे जो मसीह में बच्चे हैं।  मैंने तुम्हें दूध ही दिया, न कि कुछ ठोस खाना, क्योंकि तुम उस वक्‍त उसे पचाने के काबिल नहीं थे। दरअसल तुम अब भी काबिल नहीं हो।  इसलिए कि तुम अब तक दुनियावी हो। तुम्हारे बीच जलन है और तकरार हो रही है, तो क्या तुम दुनियावी लोगों जैसे नहीं हो और क्या तुम इंसानों की लीक पर नहीं चल रहे?  इसलिए कि जब एक कहता है: “मैं पौलुस का चेला हूँ,” मगर दूसरा कहता है: “मैं अप्पुलोस का हूँ,” तो क्या तुम दुनियावी लोगों जैसे नहीं?  अप्पुलोस क्या है? और हाँ, पौलुस क्या है? सिर्फ सेवक, जिनके ज़रिए तुम विश्‍वासी बने, ठीक जैसे प्रभु ने हरेक को सेवा सौंपी।  मैंने पौधा लगाया, अप्पुलोस ने पानी देकर सींचा, लेकिन परमेश्‍वर उसे बढ़ाता रहा।  इसलिए न तो लगानेवाला कुछ है, न ही पानी देनेवाला कुछ है, मगर परमेश्‍वर सबकुछ है जो इसे बढ़ाता है।  जो पौधा लगाता है और पानी देता है, वे दोनों एकता में हैं, मगर हर कोई अपनी ही मेहनत के लिए अपना इनाम पाएगा।  हम परमेश्‍वर के सहकर्मी हैं, तुम परमेश्‍वर का वह खेत हो जिसमें खेती की जा रही है और परमेश्‍वर की इमारत हो। 10  परमेश्‍वर की महा-कृपा जो मुझे दी गयी थी, उसके मुताबिक मैंने बुद्धिमान राजमिस्त्री की तरह नींव डाली, मगर कोई और उस नींव पर इमारत खड़ी करता है। मगर हर कोई ध्यान देता रहे कि वह किस तरह नींव पर इमारत खड़ी कर रहा है। 11  इसलिए कि कोई भी इंसान उस नींव के सिवा जो डाली जा चुकी है, दूसरी नींव नहीं डाल सकता, और यह नींव यीशु मसीह है। 12  कोई इस नींव पर सोने, चाँदी और कीमती पत्थरों से और कोई लकड़ी, भूसे या घास-फूस से इमारत खड़ी करता है। 13  जब परखे जाने का दिन आएगा तब हरेक का काम ज़ाहिर हो जाएगा, क्योंकि आग सबकुछ ज़ाहिर कर देगी और यह साबित करेगी कि हरेक का काम कैसा है। 14  अगर किसी इंसान की इमारत जो उसने नींव पर खड़ी की है, टिकी रहेगी तो वह इनाम पाएगा। 15  और अगर किसी का काम जल जाता है तो वह नुकसान उठाएगा, लेकिन वह खुद बचा लिया जाएगा, मगर ऐसा होगा मानो आग से जलते-जलते बचाया गया हो। 16  क्या तुम नहीं जानते कि तुम लोग परमेश्‍वर का मंदिर हो और परमेश्‍वर की पवित्र शक्‍ति तुममें निवास करती है? 17  अगर कोई परमेश्‍वर के मंदिर को नाश करता है, तो परमेश्‍वर उसे नाश करेगा, इसलिए कि परमेश्‍वर का मंदिर पवित्र है और यह मंदिर तुम लोग हो। 18  कोई खुद को न बहकाए: अगर तुम में से कोई सोचता है कि वह इस ज़माने* में बुद्धिमान है, तो वह मूर्ख बन जाए ताकि वह बुद्धिमान बन सके। 19  इसलिए कि इस दुनिया की बुद्धि परमेश्‍वर की नज़र में मूर्खता है, क्योंकि यह लिखा है: “वह बुद्धिमानों को उनकी अपनी ही चालाकी में फँसा देता है।” 20  और यह भी लिखा है: “यहोवा जानता है कि बुद्धिमानों के तर्क बेकार हैं।” 21  इसलिए कोई भी इंसानों पर शेखी न मारे। क्योंकि सबकुछ तुम्हारा है, 22  चाहे पौलुस या अप्पुलोस या कैफा या यह दुनिया या मौत या ज़िंदगी या आज की या आनेवाली चीज़ें, सबकुछ तुम्हारा है 23  और तुम मसीह के हो और मसीह, परमेश्‍वर का है।

कई फुटनोट

1कुरिं 3:1 शाब्दिक, “शारीरिक।”
1कुरिं 3:18 या, “दुनिया की व्यवस्था।”