सारांश चलाएँ 1 जीवन का वचन (1-4) रौशनी में चलना (5-7) पापों को मान लेना ज़रूरी है (8-10) 2 यीशु सुलह करानेवाला बलिदान है (1, 2) उसकी आज्ञाएँ मानना (3-11) पुरानी और नयी आज्ञा (7, 8) चिट्ठी लिखने की वजह (12-14) दुनिया से प्यार मत करो (15-17) मसीह के विरोधी के बारे में चेतावनी (18-29) 3 हम परमेश्वर के बच्चे हैं (1-3) परमेश्वर के बच्चे; शैतान के बच्चे (4-12) यीशु, शैतान के कामों को नष्ट कर देगा (8) एक-दूसरे से प्यार करो (13-18) परमेश्वर हमारे दिलों से बड़ा है (19-24) 4 संदेश को परखो (1-6) परमेश्वर को जानो, उससे प्यार करो (7-21) “परमेश्वर प्यार है” (8, 16) प्यार में डर नहीं होता (18) 5 विश्वास से दुनिया पर जीत हासिल (1-12) परमेश्वर से प्यार करने का मतलब (3) प्रार्थना की ताकत पर भरोसा (13-17) दुष्ट दुनिया में सँभलकर रहो (18-21) सारी दुनिया शैतान के कब्ज़े में (19) पिछला अगला प्रिंट करें दूसरों को भेजें दूसरों को भेजें 1 यूहन्ना—सारांश बाइबल की किताबें 1 यूहन्ना—सारांश हिंदी 1 यूहन्ना—सारांश https://cms-imgp.jw-cdn.org/img/p/1001070000/univ/art/1001070000_univ_sqr_xl.jpg nwtsty 1 यूहन्ना इस प्रकाशन की कॉपीराइट Copyright © 2024 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania. इस्तेमाल की शर्तें | गोपनीयता नीति | PRIVACY SETTINGS