सारांश चलाएँ 1 होरेब पहाड़ के पास से निकलना (1-8) प्रधान और न्यायी ठहराए गए (9-18) कादेश-बरने में इसराएल ने आज्ञा नहीं मानी (19-46) देश में जाने से इनकार किया (26-33) कनान को जीतने में नाकाम (41-46) 2 वीराने में 38 साल भटकना (1-23) हेशबोन के राजा सीहोन पर जीत (24-37) 3 बाशान के राजा ओग पर जीत (1-7) यरदन के पूरब की ज़मीन का बँटवारा (8-20) यहोशू से कहा गया कि वह न डरे (21, 22) मूसा उस देश में नहीं जाएगा (23-29) 4 आज्ञा मानने का बढ़ावा (1-14) परमेश्वर के काम न भूलना (9) यहोवा माँग करता है कि सिर्फ उसी की भक्ति की जाए (15-31) यहोवा के सिवा कोई परमेश्वर नहीं (32-40) यरदन के पूरब में शरण नगर (41-43) कानून देने के बारे में जानकारी (44-49) 5 होरेब में यहोवा का करार (1-5) दस आज्ञाएँ दोहरायी गयीं (6-22) सीनै पहाड़ के पास लोग डर गए (23-33) 6 पूरे दिल से यहोवा से प्यार करो (1-9) “हे इसराएल सुन” (4) माता-पिता बच्चों को सिखाएँ (6, 7) यहोवा को भूल मत जाना (10-15) यहोवा की परीक्षा न लेना (16-19) अगली पीढ़ी को बताना (20-25) 7 सात जातियाँ नाश की जाएँगी (1-6) इसराएल क्यों चुना गया (7-11) आज्ञा मानने से कामयाबी मिलती है (12-26) 8 यहोवा से मिलनेवाली आशीषें दोहरायी गयीं (1-9) “इंसान सिर्फ रोटी से नहीं ज़िंदा रहता” (3) यहोवा को भूल मत जाना (10-20) 9 इसराएल को क्यों देश दिया गया (1-6) इसराएल ने चार बार यहोवा को गुस्सा दिलाया (7-29) सोने का बछड़ा (7-14) मूसा ने बीच-बचाव किया (15-21, 25-29) तीन बार और क्रोध भड़काया (22) 10 दोनों पटियाएँ दोबारा बनायी गयीं (1-11) यहोवा क्या चाहता है (12-22) यहोवा का डर मानो; उससे प्यार करो (12) 11 तुमने यहोवा की महानता देखी है (1-7) वादा किया गया देश (8-12) आज्ञा मानने से मिलनेवाले इनाम (13-17) आज्ञाएँ दिल में उतार लेना (18-25) ‘आशीष या शाप’ (26-32) 12 उसी जगह उपासना करना जो परमेश्वर चुनता है (1-14) गोश्त खा सकते हो, खून नहीं (15-28) दूसरे देवताओं के फंदे में न फँसना (29-32) 13 बागियों के साथ कैसा सलूक करें (1-18) 14 मातम मनाने के गलत तरीके (1, 2) शुद्ध और अशुद्ध खाना (3-21) यहोवा के लिए दसवाँ हिस्सा (22-29) 15 हर सातवें साल कर्ज़ माफ (1-6) गरीबों की मदद करना (7-11) हर सातवें साल दासों को आज़ाद करना (12-18) एक सुए से दास का कान छेदना (16, 17) पहलौठे जानवर अलग ठहराना (19-23) 16 फसह; बिन-खमीर की रोटी का त्योहार (1-8) कटाई का त्योहार (9-12) छप्परों का त्योहार (13-17) न्यायी ठहराना (18-20) उपासना में किन चीज़ों का इस्तेमाल करना मना है (21, 22) 17 बलि-पशुओं में कोई दोष न हो (1) परमेश्वर से बगावत करनेवालों के मामले निपटाना (2-7) पेचीदा मामलों का फैसला (8-13) भविष्य में आनेवाले राजा के लिए हिदायतें (14-20) कानून की किताब की नकल तैयार करे (18) 18 याजकों और लेवियों का हिस्सा (1-8) जादू-टोने की मनाही (9-14) मूसा जैसा एक भविष्यवक्ता (15-19) झूठे भविष्यवक्ताओं की पहचान (20-22) 19 खून का दोष और शरण नगर (1-13) सीमा-चिन्ह न सरकाना (14) अदालत में गवाह (15-21) दो या तीन गवाह ज़रूरी (15) 20 युद्ध के नियम (1-20) किन लोगों को युद्ध से छूट (5-9) 21 कत्ल का अनसुलझा मामला (1-9) बंदी बनायी गयी औरतों से शादी (10-14) पहलौठे का हक (15-17) एक ढीठ बेटा (18-21) काठ पर लटकाया इंसान शापित (22, 23) 22 पड़ोसियों के जानवरों का लिहाज़ (1-4) आदमी-औरत एक-दूसरे के कपड़े न पहने (5) जानवरों पर दया करना (6, 7) छत के लिए मुँडेर (8) गलत तरह का मिश्रण (9-11) कपड़े पर फुँदने (12) नाजायज़ यौन-संबंधों पर कानून (13-30) 23 कौन परमेश्वर की मंडली का हिस्सा नहीं बन सकता (1-8) छावनी की शुद्धता (9-14) अगर दास भाग जाए (15, 16) वेश्या के काम की मनाही (17, 18) ब्याज और मन्नतें (19-23) बाग या खेत से गुज़रनेवाले क्या खा सकते हैं (24, 25) 24 शादी और तलाक (1-5) जीवन के लिए आदर (6-9) गरीबों का लिहाज़ (10-18) बीनने के बारे में नियम (19-22) 25 कोड़े लगाने के बारे में नियम (1-3) दँवरी करते बैल का मुँह न बाँधना (4) देवर-भाभी विवाह (5-10) हाथा-पाई में गलत जगह पकड़ना (11, 12) सही नाप-तौल (13-16) अमालेकी नाश किए जाएँ (17-19) 26 पहले फल अर्पित करना (1-11) दूसरा दसवाँ हिस्सा (12-15) इसराएल, यहोवा की खास जागीर (16-19) 27 कानून पत्थरों पर लिखा जाए (1-10) एबाल और गरिज्जीम पहाड़ पर (11-14) शाप दोहराए गए (15-26) 28 आज्ञा मानने से मिलनेवाली आशीषें (1-14) आज्ञा न मानने से मिलनेवाले शाप (15-68) 29 मोआब में इसराएल के साथ करार (1-13) आज्ञा न तोड़ने की चेतावनी (14-29) जो बातें गुप्त हैं, जो ज़ाहिर हैं (29) 30 यहोवा के पास लौटना (1-10) यहोवा की आज्ञा मानना ज़्यादा मुश्किल नहीं (11-14) ज़िंदगी या मौत चुनना (15-20) 31 मूसा की मौत करीब (1-8) कानून पढ़कर सुनाना (9-13) यहोशू ठहराया गया (14, 15) इसराएल की बगावत की भविष्यवाणी (16-30) इसराएल को एक गीत सिखाना (19, 22, 30) 32 मूसा का गीत (1-47) यहोवा चट्टान है (4) इसराएल अपनी चट्टान को भूल जाता है (18) ‘बदला लेना मेरा काम है’ (35) “राष्ट्रो, परमेश्वर की प्रजा के साथ खुशियाँ मनाओ” (43) मूसा की मौत नबो पहाड़ पर होगी (48-52) 33 मूसा ने गोत्रों को आशीर्वाद दिया (1-29) यहोवा की “बाँहें तुझे सदा थामे रहेंगी” (27) 34 यहोवा ने मूसा को देश दिखाया (1-4) मूसा की मौत (5-12) पिछला अगला प्रिंट करें दूसरों को भेजें दूसरों को भेजें व्यवस्थाविवरण—सारांश बाइबल की किताबें व्यवस्थाविवरण—सारांश हिंदी व्यवस्थाविवरण—सारांश https://cms-imgp.jw-cdn.org/img/p/1001070000/univ/art/1001070000_univ_sqr_xl.jpg nwtsty व्यवस्थाविवरण इस प्रकाशन की कॉपीराइट Copyright © 2024 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania. इस्तेमाल की शर्तें | गोपनीयता नीति | PRIVACY SETTINGS