भजन 146:1-10
146 याह की तारीफ करो!*+
मेरा रोम-रोम यहोवा की तारीफ करे।+
2 मैं सारी ज़िंदगी यहोवा की तारीफ करूँगा,
जब तक मैं ज़िंदा रहूँगा, अपने परमेश्वर की तारीफ में गीत गाऊँगा।*
3 बड़े-बड़े अधिकारियों* पर भरोसा मत रखना,न ही किसी और इंसान पर, जो उद्धार नहीं दिला सकता।+
4 उसकी भी साँस* निकल जाती है और वह मिट्टी में मिल जाता है,+उसी दिन उसके सारे विचार मिट जाते हैं।+
5 सुखी है वह जिसका मददगार याकूब का परमेश्वर है,+जो अपने परमेश्वर यहोवा पर आशा रखता है।+
6 उस परमेश्वर पर जो आकाश, धरती,समुंदर और उनमें जो कुछ है, सबका बनानेवाला है,+जो हमेशा विश्वासयोग्य रहता है।+
7 वह धोखा खाए हुओं को न्याय दिलाता है,भूखों को रोटी देता है।+
यहोवा कैदियों* को छुड़ाता है।+
8 यहोवा अंधों की आँखें खोलता है,+यहोवा झुके हुओं को सीधा खड़ा करता है,+यहोवा नेक लोगों से प्यार करता है।
9 यहोवा परदेसियों की रक्षा करता है,अनाथ* और विधवा की देखभाल करता है,+मगर दुष्ट की चालें नाकाम कर देता है।*+
10 यहोवा सदा के लिए राजा बना रहेगा,+हे सिय्योन, तेरा परमेश्वर पीढ़ी-पीढ़ी तक राजा बना रहेगा।
याह की तारीफ करो!*
कई फुटनोट
^ या “हल्लिलूयाह!” “याह” यहोवा नाम का छोटा रूप है।
^ या “संगीत बजाऊँगा।”
^ या “हाकिमों।”
^ शा., “बंदियों।”
^ या “जिसके पिता की मौत हो गयी है।”
^ या “दुष्ट की राह टेढ़ी-मेढ़ी कर देता है।”
^ या “हल्लिलूयाह!” “याह” यहोवा नाम का छोटा रूप है।