प्रेषितों के काम 6:1-15

6  उन दिनों चेलों की गिनती बढ़ती जा रही थी। तब ऐसा हुआ कि यूनानी बोलनेवाले यहूदी चेले, इब्रानी बोलनेवाले यहूदी चेलों के बारे में शिकायत करने लगे, क्योंकि रोज़ के खाने के बँटवारे में यूनानी बोलनेवाली विधवाओं को नज़रअंदाज़ किया जा रहा था।+  तब उन 12 प्रेषितों ने बाकी सभी चेलों को बुलाया और उनसे कहा, “यह ठीक नहीं कि हम प्रेषित, परमेश्‍वर का वचन सिखाना छोड़कर खाना बाँटने के काम में लग जाएँ।+  इसलिए भाइयो, अपने बीच से ऐसे सात आदमी चुनो जिनका तुम्हारे बीच अच्छा नाम हो+ और जो पवित्र शक्‍ति और बुद्धि से भरपूर हों+ ताकि हम उन्हें इस ज़रूरी काम की देखरेख के लिए ठहराएँ।+  और हम प्रार्थना करने और वचन सिखाने की सेवा में लगे रहेंगे।”  यह बात सबको अच्छी लगी और उन्होंने इन आदमियों को चुना: स्तिफनुस, जो विश्‍वास और पवित्र शक्‍ति से भरपूर था और फिलिप्पुस,+ प्रखुरुस, नीकानोर, तीमोन, परमिनास और निकुलाउस। निकुलाउस, अंताकिया का रहनेवाला था और उसने यहूदी धर्म अपनाया था।  वे इन सातों को प्रेषितों के पास लाए। उन्होंने प्रार्थना की और उन पर हाथ रखे।+  इस वजह से परमेश्‍वर का वचन फैलता गया+ और यरूशलेम में चेलों की गिनती तेज़ी से बढ़ती गयी+ और बड़ी तादाद में याजक भी विश्‍वासी बन गए।+  स्तिफनुस पर परमेश्‍वर की बड़ी कृपा थी और वह उसकी शक्‍ति से भरपूर था, इसलिए वह लोगों के बीच बड़े-बड़े आश्‍चर्य के काम और चमत्कार करता था।  मगर कुछ आदमी जो ‘आज़ाद लोगों के सभा-घर’ के सदस्य थे, कुरेने, सिकंदरिया, किलिकिया और एशिया के लोगों के साथ मिलकर स्तिफनुस के खिलाफ खड़े हुए और उससे बहस करने लगे। 10  मगर स्तिफनुस ने बड़ी बुद्धिमानी से और पवित्र शक्‍ति की मदद से उन्हें जवाब दिया, इसलिए वे उसके सामने टिक नहीं पाए।+ 11  तब उन्होंने चोरी-छिपे कुछ आदमियों को फुसलाया कि वे लोगों में यह बात फैलाएँ, “हमने इसे मूसा और परमेश्‍वर के खिलाफ निंदा की बातें कहते सुना है।” 12  उन्होंने जनता को और मुखियाओं और शास्त्रियों को भड़काया और अचानक स्तिफनुस पर टूट पड़े और उसे ज़बरदस्ती महासभा के सामने ले गए। 13  और वे झूठे गवाहों को ले आए जिन्होंने कहा, “यह आदमी हमारे पवित्र मंदिर और परमेश्‍वर के कानून के खिलाफ बोलने से बाज़ नहीं आता। 14  जैसे, हमने इसे यह कहते सुना है कि यीशु नासरी इस मंदिर को ढा देगा और उन रीतियों को बदल डालेगा जो हमें मूसा से मिली हैं।” 15  जब महासभा में बैठे सब लोगों ने स्तिफनुस पर नज़र डाली, तो देखा कि उसका चेहरा एक स्वर्गदूत के चेहरे जैसा दिख रहा है।

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