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सारी दुख-तकलीफों का एक ही हल

सारी दुख-तकलीफों का एक ही हल

सारी दुख-तकलीफों का एक ही हल

आज सारा संसार दुख-तकलीफों से घिरा हुआ है। मगर बहुत-से लोग हैं, जो दया दिखाकर दुख सहनेवालों की तरफ मदद का हाथ बढ़ाते हैं। उदाहरण के लिए, अस्पताल के डॉक्टर और नर्स लंबी शिफ्ट में काम करते हैं, ताकि बीमारों और घायलों का इलाज और देखभाल कर सकें। पुलिसवालों, आग बुझानेवाले कर्मचारियों, कानून बनानेवाले अधिकारियों और एम्बुलेंस में काम करनेवालों की भी यही कोशिश रहती है कि वे लोगों की तकलीफें कम करें या उन्हें मुसीबत में पड़ने से बचाएँ। यह सच है कि इस तरह की मदद से बहुत-से लोगों को फायदा होता है। मगर पूरी दुनिया की समस्याएँ सुलझाना किसी भी इंसान या संगठन के बस की बात नहीं है। इसके उलट, परमेश्‍वर में इन सारी समस्याओं को हल करने की ताकत है और वह बहुत जल्द ऐसा करेगा भी।

इस बात का यकीन हमें बाइबल की आखिरी किताब से मिलता है। उसमें लिखा है: “[परमेश्‍वर] उनकी आँखों से हर आँसू पोंछ देगा, और न मौत रहेगी, न मातम, न रोना-बिलखना, न ही दर्द रहेगा। पिछली बातें खत्म हो चुकी हैं।” (प्रकाशितवाक्य 21:4) गौर कीजिए, यह वादा कितने बड़े पैमाने पर पूरा होगा। इसमें चंद शब्दों में परमेश्‍वर के मकसद के बारे में बताया गया है कि वह कैसे तमाम दुख-तकलीफों का अंत करेगा। वह धरती से युद्ध, भुखमरी, बीमारी और अन्याय, साथ ही सभी बुरे लोगों का सफाया कर देगा। यह सब करना किसी भी इंसान के बस में नहीं है।

परमेश्‍वर का राज क्या करेगा

यीशु मसीह के इस धरती पर मरने के बाद, परमेश्‍वर ने उसे दोबारा ज़िंदा किया। फिर वह वापस स्वर्ग लौट गया। इस तरह, वह पूरे जहान का दूसरा सबसे ताकतवर शख्स बन गया। और उसी के ज़रिए परमेश्‍वर अपने सारे वादे पूरे करेगा। वह वक्‍त तेज़ी से पास आ रहा है जब यीशु एक राजा की हैसियत से पूरी धरती पर राज करेगा और उसका विरोध करनेवाला कोई नहीं होगा। मानवजाति पर इंसानी राजाओं, राष्ट्रपतिओं या राजनेताओं का राज नहीं होगा। इसके बजाय, उस पर सिर्फ एक राजा और एक सरकार का शासन होगा। वह सरकार है परमेश्‍वर का राज।

परमेश्‍वर का राज सारी इंसानी सरकारों का हमेशा के लिए नाश कर देगा। इसकी भविष्यवाणी सदियों पहले बाइबल में दर्ज़ की गयी थी: “स्वर्ग का परमेश्‍वर, एक ऐसा राज्य उदय करेगा जो अनन्तकाल तक न टूटेगा, और न वह किसी दूसरी जाति के हाथ में किया जाएगा। वरन वह उन सब राज्यों को चूर चूर करेगा, और उनका अन्त कर डालेगा; और वह सदा स्थिर रहेगा।” (दानिय्येल 2:44) इसके बाद यह राज, जो परमेश्‍वर की मरज़ी पूरी करता है, धरती के सभी लोगों को एकता की डोर में बाँधेगा।

यीशु जब इंसान बनकर धरती पर जीया, तब उसने कई मौकों पर परमेश्‍वर के राज के बारे में बात की। उसने इस राज का ज़िक्र ‘आदर्श प्रार्थना’ में भी किया, जो उसने एक नमूने के तौर पर अपने चेलों को सिखायी थी: “तेरा राज आए। तेरी मरज़ी, जैसे स्वर्ग में पूरी हो रही है, वैसे ही धरती पर भी पूरी हो।” (मत्ती 6:10) ध्यान दीजिए, यीशु ने इस बात की तरफ इशारा किया कि परमेश्‍वर के राज का, धरती पर उसकी मरज़ी पूरी होने के साथ गहरा नाता है। और परमेश्‍वर की मरज़ी है, दुनिया के कोने-कोने से दुख-तकलीफें मिटाना।

परमेश्‍वर का राज ऐसी आशीषें लाएगा, जो कोई भी इंसानी सरकार आज तक नहीं ला पायी है और न कभी ला पाएगी। याद कीजिए, यहोवा ने अपना बेटा फिरौती के तौर पर दिया था, ताकि इंसानों को हमेशा की ज़िंदगी मिल सके। परमेश्‍वर का राज प्यार और कृपा से हुकूमत करेगा और उस दौरान लोग धीरे-धीरे सिद्धता हासिल करने की तरफ बढ़ते जाएँगे। इसका क्या नतीजा होगा? यहोवा “मृत्यु को सदा के लिये नाश करेगा, और प्रभु यहोवा सभों के मुख पर से आंसू पोंछ डालेगा।”—यशायाह 25:8.

मगर कुछ लोग शायद पूछें: ‘परमेश्‍वर ने आज तक कोई कदम क्यों नहीं उठाया? आखिर वह किस बात का इंतज़ार कर रहा है?’ यह सच है कि यहोवा चाहता तो सालों पहले दुख-तकलीफों की जड़ काट सकता था या फिर उनकी शुरूआत ही नहीं होने देता। मगर उसने दुख-तकलीफों को रहने दिया। अपने फायदे के लिए नहीं, बल्कि इसलिए ताकि धरती पर उसके बच्चों को हमेशा-हमेशा का फायदा हो। जो माँ-बाप अपने बच्चों से प्यार करते हैं, वे उन्हें थोड़ी-बहुत मुश्‍किलों से गुज़रने देते हैं। क्योंकि वे जानते हैं कि इसी में उनके बच्चों की भलाई है। उसी तरह, यहोवा ने वाजिब कारणों से इंसानों को कुछ समय के लिए तकलीफें सहने दी हैं और ये कारण बाइबल में दिए गए हैं। इन कारणों में अपनी मरज़ी से चुनाव करने की आज़ादी, यहोवा के हुकूमत करने के अधिकार पर उठाए सवाल और पाप जैसी बातें शामिल हैं। बाइबल यह भी समझाती है कि एक दुष्ट आत्मिक प्राणी को कुछ समय के लिए इस दुनिया पर राज करने की इजाज़त दी गयी है। *

हालाँकि हम ये सारे कारण इन चंद पन्‍नों में नहीं समझा सकते, लेकिन अगर हम दो सच्चाइयों को अपने मन में बिठा लें, तो हममें उम्मीद की किरण जाग सकती है और हमारा हौसला भी बढ़ सकता है। पहली सच्चाई है: हमने चाहे जैसी भी तकलीफें झेली हों, यहोवा हम पर उनसे बढ़कर आशीषों की बौछार करेगा। परमेश्‍वर हमें यकीन दिलाता है: “पुरानी बातें भुला दी जायेंगी, उन्हें कोई याद नहीं करेगा।” (यशायाह 65:17, बुल्के बाइबिल) परमेश्‍वर उन सारी दुख-तकलीफों को पूरी तरह और हमेशा के लिए मिटा देगा, जो कुछ वक्‍त के लिए बुराई को इजाज़त देने की वजह से हमें सहनी पड़ रही हैं।

दूसरी सच्चाई है: परमेश्‍वर ने दुख-तकलीफों को खत्म करने का एक समय ठहराया है, जिसे बदला नहीं जा सकता। याद कीजिए, भविष्यवक्‍ता हबक्कूक ने पूछा था कि यहोवा कब तक लड़ाई-झगड़े और खून-खराबे को रहने देगा। इस पर यहोवा ने जवाब दिया: “दर्शन एक निर्धारित समय के लिए हैं; . . . इसमें देर न होगी।” (हबक्कूक 2:3, NHT) अगले लेख में हम कुछ ऐसी बातों पर गौर करेंगे जो दिखाती हैं कि यह “निर्धारित समय” आ पहुँचा है। (w09-E 12/01)

[फुटनोट]

^ परमेश्‍वर ने दुख-तकलीफें क्यों रहने दी हैं, इस बारे में ज़्यादा जानने के लिए बाइबल असल में क्या सिखाती है? किताब का अध्याय 11 देखिए। इसे यहोवा के साक्षियों ने प्रकाशित किया है।

[पेज 7 पर बक्स]

शास्त्रवचन जो एक सुनहरे कल की तरफ इशारा करते हैं

युद्धों का अंत:

“आओ, यहोवा के महाकर्म देखो, कि उस ने पृथ्वी पर कैसा कैसा उजाड़ किया है। वह पृथ्वी की छोर तक लड़ाइयों को मिटाता है!”—भजन 46:8, 9.

हमारे जो अज़ीज़ मौत की नींद सो रहे हैं, उन्हें दोबारा ज़िंदा किया जाएगा:

“अच्छे और बुरे, दोनों तरह के लोग मरे हुओं में से जी उठेंगे।”—प्रेषितों 24:15.

सब के लिए भरपूर खाना:

“देश में पहाड़ों की चोटियों पर बहुत सा अन्‍न होगा।”—भजन 72:16.

बीमारियाँ मिटा दी जाएँगी:

“कोई निवासी न कहेगा कि मैं रोगी हूं।”—यशायाह 33:24.

दुष्ट लोगों का सफाया होगा:

“दुष्ट लोग देश में से नाश होंगे, और विश्‍वासघाती उस में से उखाड़े जाएंगे।”—नीतिवचन 2:22.

न्याय की बहार होगी:

“देखो, एक राजा [मसीह यीशु] धार्मिकता से राज्य करेगा, तथा शासक न्यायपूर्वक राज्य करेंगे।”—यशायाह 32:1, NHT.

[पेज 7 पर तसवीरें]

परमेश्‍वर का राज हमें उन सारी तकलीफों से निजात दिलाएगा, जो हमने शायद झेली हैं