“बैंजनी त्रिकोण का मतलब क्या है?”
“बैंजनी त्रिकोण का मतलब क्या है?”
“कुछ दिन पहले की बात है। यहोवा की एक साक्षी ने मुझे प्रहरीदुर्ग पत्रिका की एक कॉपी दी।” कोरिया गणराज्य के सोल शहर के न्याय मंत्रालय में काम करनेवाले एक सरकारी अधिकारी ने यह बात कही। वह आगे लिखता है: “पत्रिका पढ़ते-पढ़ते मुझे यहोवा के साक्षियों के बारे में काफी कुछ जानने को मिला कि कैसे नात्ज़ी और कम्युनिस्ट सरकारों की हुकूमत के दौरान उन्हें सताया गया था। लेकिन मेरे मन में एक सवाल है। पत्रिका के पहले पन्ने पर यहोवा के साक्षियों की जो तसवीर दिखायी गयी है, उसमें उनके कोट की बायीं तरफ एक बैंजनी त्रिकोण उलटा लगा हुआ है। इस बैंजनी त्रिकोण का मतलब क्या है?”
नात्ज़ी हुकूमत के दौरान, जर्मनी में यहोवा के साक्षियों ने हिटलर को सलामी देने से साफ इनकार कर दिया था। साथ ही, वे राजनीतिक और फौजी मामलों में भी निष्पक्ष रहे। इसी वजह से नात्ज़ियों ने उन्हें बेरहमी से सताया और लगभग 12,000 साक्षियों को अलग-अलग समय के लिए कैदखानों और यातना शिविरों में कैद रखा। उनमें से करीब 2,000 साक्षियों की मौत हो गयी जिनमें सैकड़ों ऐसे थे जिन्हें मार डाला गया था।
लेकिन साक्षी कैदियों के कपड़ों पर लगे बैंजनी त्रिकोण का क्या मतलब था? किताब, नात्ज़ी सरकार पर एक अध्ययन (अँग्रेज़ी) कहती है: “[नात्ज़ी] शिविरों में अलग-अलग दल के कैदियों की पहचान के लिए उन्हें कुछ खास किस्म के चिन्ह पहनाए जाते थे। ये चिन्ह क्या होंगे यह युद्ध से पहले तय हो चुका था। हर कैदी के कपड़े पर एक त्रिकोण सिला जाता था और उसके दल के मुताबिक उस रंग का त्रिकोण लगाया जाता था। जैसे, लाल रंग राजनीतिक कैदियों के लिए; बैंजनी, यहोवा के साक्षियों के लिए; काला, गुंडे-बदमाशों के लिए; हरा रंग अपराधियों के लिए; समलिंगियों के लिए गुलाबी; और विदेशियों के लिए नीला रंग होता था। इसके अलावा, यहूदी कैदियों के कपड़ों पर दो पीले त्रिकोण, एक सीधा और उस पर एक उलटा त्रिकोण इस तरह सीया जाता था कि वह दिखने में दाऊद का तारा लगे जिसके छः कोण होते थे।”
बैंजनी त्रिकोण के बारे में प्रोफेसर जॉन के. रॉथ ने अपनी किताब, नात्ज़ी जनसंहार में राजनीति (अँग्रेज़ी) में लिखा: “अगर हम आगे चलकर यह याद रखें कि बैंजनी त्रिकोण किस बात की निशानी है, तो यह हमारी ढाल बनकर हमें कई मुसीबतों से बचाएगा, क्योंकि इस ढाल के तीन कोण हमें इस ज़िम्मेदारी का एहसास दिलाते हैं कि हम अच्छाई करें, ऐसी अच्छाई जो सबसे ज़्यादा इज़्ज़त पाने की हकदार है।” यहोवा के साक्षियों ने एक डॉक्युमेंट्री तैयार की है, यहोवा के साक्षी नात्ज़ी हमले के बावजूद दृढ़ खड़े रहते हैं (अँग्रेज़ी) और इसके लिए उन्हें पुरस्कार भी मिला है। क्यों न आप यहोवा के एक साक्षी से यह वीडियो दिखाने की गुज़ारिश करें?