पाठकों के प्रश्न
पाठकों के प्रश्न
क्या वाचा के संदूक के अंदर सिर्फ पत्थर की दो पटियाएँ थीं या कुछ और चीज़ें भी रखी गयी थीं?
सामान्य युग पूर्व 1026 में, सुलैमान के बनाए मंदिर के समर्पण के वक्त “सन्दूक में पत्थर की उन दो पटियाओं को छोड़ कुछ न था, जिन्हें मूसा ने होरेब में उसके भीतर उस समय रखा, जब यहोवा ने इस्राएलियों के मिस्र से निकलने के बाद उनके साथ वाचा बान्धी थी।” (2 इतिहास 5:10) लेकिन शुरू से संदूक में सिर्फ ये पटियाएँ ही नहीं थीं।
जब ‘इस्राएलियों को मिस्र देश से निकले तीन महीने हुए’ तो वे सीनै नाम के वीराने में आ पहुँचे। (निर्गमन 19:1, 2) इसके बाद, मूसा सीनै पर्वत पर चढ़ा और वहाँ उसे पत्थर की दो पटियाएँ दी गयीं जिन पर दस आज्ञाएँ लिखी हुई थीं। फिर मूसा बताता है कि उसने क्या किया: “तब मैं पर्वत से नीचे उतर आया, और पटियाओं को अपने बनवाए हुए सन्दूक में धर दिया; और यहोवा की आज्ञा के अनुसार वे वहीं रखी हुई हैं।” (व्यवस्थाविवरण 10:5) यह संदूक, वाचा का संदूक नहीं था मगर एक पेटी थी जिसे बनाने के लिए यहोवा ने मूसा से कहा था ताकि उसमें दोनों पटियाएँ तब तक रखी जा सकें जब तक कि वाचा का संदूक बनकर तैयार नहीं हो जाता। (व्यवस्थाविवरण 10:1) उन पटियाओं को वाचा के संदूक में सा.यु.पू. 1513 के आखिर में रखा गया होगा।
मिस्र से छुटकारा पाने के थोड़े ही समय बाद, जब इस्राएली खाने के बारे में कुड़कुड़ाने लगे तो यहोवा ने उनके लिए मन्ना का इंतज़ाम किया। (निर्गमन 12:17, 18; 16:1-5) उस वक्त, मूसा ने हारून को यह हिदायत दी: “एक पात्र लेकर उस में ओमेर भर [मन्ना] लेकर उसे यहोवा के आगे धर दे, कि वह तुम्हारी पीढ़ियों के लिये रखा रहे।” बाइबल आगे कहती है: “जैसी आज्ञा यहोवा ने मूसा को दी थी, उसी के अनुसार हारून ने उसको साक्षी के सन्दूक [एक बक्स जिसमें ज़रूरी कागज़ात सँभालकर रखे जाते थे] के आगे धर दिया, कि वह वहीं रखा रहे।” (निर्गमन 16:33, 34) इसमें कोई शक नहीं कि हारून ने उसी वक्त, एक मर्तबान में मन्ना जमा कर लिया होगा। फिर बाद में जब वाचा का संदूक बनकर तैयार हुआ और मूसा ने उसके अंदर पत्थर की पटियाएँ रखीं, तब हारून ने उसके अंदर मन्ना का मर्तबान भी रखा।
जैसे पहले बताया गया है, वाचा का संदूक, सा.यु.पू. 1513 के आखिर में बनकर तैयार हुआ था। इसके काफी समय बाद यानी कोरह और दूसरे लोगों की बगावत के बाद, हारून की छड़ी को भी उसके अंदर रखा गया था। तो प्रेरित पौलुस बताता है कि ‘वाचा के संदूक’ में ये चीज़ें रखी गयीं थीं: “मन्ना से भरा हुआ सोने का मर्तबान और हारून की छड़ी जिस में फूल फल आ गए थे और वाचा की पटियां।”—इब्रानियों 9:4.
इस्राएलियों को मन्ना उन 40 सालों तक मिलता रहा जब वे वीराने में भटक रहे थे। मगर जिस दिन से इस्राएली वादा किए गए “देश की उपज में से खाने” लगे, उस दिन से यह इंतज़ाम बंद हो गया था। (यहोशू 5:11, 12) हारून की छड़ी को वाचा के संदूक के अंदर रखने के पीछे एक मकसद था कि वह बगावती पीढ़ी के खिलाफ चेतावनी की निशानी हो। इससे सुराग मिलता है कि छड़ी को वाचा के संदूक में शायद तब तक रखा गया था जब तक इस्राएली वीराने में भटक रहे थे। तो फिर इस नतीजे पर पहुँचना सही लगता है कि इस्राएलियों के वादा किए गए देश में आने के कुछ समय बाद और सुलैमान के मंदिर के समर्पण से पहले, हारून की छड़ी और मन्ना से भरे सोने के मर्तबान को वाचा के संदूक में से निकाल दिया गया था।