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क्यों रखूँ मैं अपनी सेहत का खयाल?

क्यों रखूँ मैं अपनी सेहत का खयाल?

नौजवान पूछते हैं

क्यों रखूँ मैं अपनी सेहत का खयाल?

नीचे दिए जिन लक्ष्यों को आप हासिल करना चाहते हैं, उन पर सही (✔) का निशान लगाइए।

❍ वज़न घटाना

❍ रंग-रूप निखारना

❍ फुर्तीला बनना

❍ हर समय चौकन्‍ने रहना

❍ तनाव कम करना

❍ गुस्से पर काबू रखना

❍ खुद पर भरोसा बढ़ाना

ज़िंदगी में कुछ चीज़ें ऐसी होती हैं, जिन्हें आप नहीं चुन सकते। जैसे, आपके माँ-बाप और भाई-बहन कौन होंगे और आप कहाँ पलेंगे-बढ़ेंगे। लेकिन एक चीज़ है, जो आप खुद चुन सकते हैं। वह है आपकी सेहत। काफी हद तक सेहत आपको अपने माँ-बाप से मिलती है। साथ ही, आपके जीने के तरीके पर भी यह निर्भर करता है कि आप सेहतमंद होंगे या नहीं। *

आप शायद कहें, ‘अभी मेरी उम्र ही क्या है जो मैं अपनी सेहत को लेकर इतनी फिक्र करूँ।’ अगर ऐसी बात हैं तो ज़रा ऊपर दिए लक्ष्यों पर गौर कीजिए। आपने कितने लक्ष्यों पर सही का निशान लगाया है? आप मानें या न मानें, इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अच्छी सेहत बनाए रखना आपके लिए बेहद ज़रूरी है।

हो सकता है आप 17 साल की अमृता * की तरह महसूस करते हों, जिसका कहना है, “मैं रोज़-रोज़ आटे से बनी, कम घी-तेल की और बिना शक्कर की चीज़ें नहीं खा सकती!” अगर आप भी ऐसा सोचते हैं, तो परेशान मत होइए। याद रखिए, एक सुंदर और सुडौल काया पाने के लिए आपको मीठी चीज़ें छोड़ने और हफ्ते-दर-हफ्ते कई किलोमीटर दौड़ लगाने की ज़रूरत नहीं। दरअसल आप अपनी ज़िंदगी में कुछ मामूली फेरबदल करने के ज़रिए बढ़िया रंग-रूप और चुस्ती-फुर्ती पा सकते हैं। साथ ही, आपमें काम के लिए उमंग और जोश भर सकता है। आइए देखें कि इस सिलसिले में आपके कुछ हमउम्र साथियों ने क्या तरकीब अपनायी हैं।

सही खाना खाइए, रूप-रंग निखारिए

बाइबल सलाह देती है कि हमें अपने खाने-पीने की आदतों में संयम बरतना चाहिए। नीतिवचन 23:20 (ईज़ी-टू-रीड़ वर्शन) कहता है कि हमें ‘ठूंस-ठूंसकर’ खाना नहीं खाना चाहिए। शायद इस सलाह पर चलना हमेशा आसान न हो।

“दूसरे जवानों की तरह, मुझे भी बहुत भूख लगती है और मैं जब देखो खाता रहता हूँ। मेरे मम्मी-पापा मुझसे कहते हैं, ‘तेरा पेट है या कुँआ!’”15 साल का आनंद।

“कुछ चीज़ें खाने में मुझे कोई एतराज़ नहीं क्योंकि फिलहाल मुझे उनसे होनेवाले नुकसान नज़र नहीं आते।”19 साल की दिक्षा।

खान-पान के मामले में क्या आपको और भी संयम बरतने की ज़रूरत है? आइए देखें आपके कुछ साथियों ने कैसे खुद पर काबू रखा है।

अपने पेट की सुनिए। उन्‍नीस साल की प्रिया कहती है, “पहले मैं खाना खाते वक्‍त ध्यान रखती थी कि मैं कितनी कैलोरी ले रही हूँ, लेकिन अब मुझे जैसे ही लगता है कि मेरा पेट भर गया है, मैं और ज़्यादा नहीं खाती।”

नुकसान पहुँचानेवाले खान-पान से दूर रहिए। इक्कीस साल का पुनीत कहता है, “मैंने सॉफ्ट-ड्रिंक पीना बिलकुल बंद कर दिया, जिससे एक ही महीने में मेरा 5 किलो वज़न घट गया।”

अपनी खाने की आदत सुधारिए। उन्‍नीस साल की ईशा कहती है, “खाना खाते वक्‍त मैं थोड़ा ही खाती हूँ और दोबारा नहीं लेती।”

कामयाबी का राज़: समय पर खाना खाइए। क्योंकि अगर आप समय पर नहीं खाएँगे, तो आपको ज़्यादा भूख लगेगी और आप हद-से-ज़्यादा खा लेंगे।

कसरत करो, तंदुरुस्त रहो!

बाइबल कहती है, “शरीर की कसरत . . . फायदेमंद होती है।” (1 तीमुथियुस 4:8) लेकिन कई जवान कसरत के नाम से ही जी चुराते हैं।

“हाई स्कूल में पढ़ते वक्‍त मेरी क्लास के बहुत से बच्चे कसरत के इम्तहान में फेल हो जाते थे। लेकिन मेरे लिए इसमें पास होना बाएँ हाथ का खेल था।”21 साल का रवि।

“कुछ नौजवान सोचते हैं, ‘कड़ी धूप में खेलकर पसीना बहाने और थकने से अच्छा है, आराम से विडियो गेम खेलो और सोचो कि आप ही गेम में किरदार निभा रहे हो।’”22 साल की रिया।

क्या “कसरत” का नाम सुनते ही आप उकता जाते हैं? अगर हाँ, तो आगे दिए तीन फायदों पर ध्यान दीजिए, जो रोज़ कसरत करने से मिलते हैं।

पहला फायदा: आपमें बीमारियों से लड़ने की ताकत बढ़ती है। उन्‍नीस साल की आंचल कहती है, “मेरे पापा हमेशा कहा करते थे, वक्‍त निकालकर कसरत करो वरना बीमार पड़ जाओगे।”

दूसरा फायदा: दिमाग में एक रसायन बनता है, जो तनाव कम करता है। सोलह साल की एमिली कहती है, “दौड़ने से मुझे बहुत फायदे होते हैं खासकर जब मेरे दिमाग में बहुत-सी बातें चल रही होती हैं। इससे मेरा तनाव कम होता है और मैं तरो-ताज़ा महसूस करती हूँ।”

तीसरा फायदा: आप जोश और उमंग से भर जाते हैं। बाइस साल की रिया कहती है, “मुझे हर वक्‍त घर में रहना पसंद नहीं, इसलिए मैं सैर करने, तैरने और साइकिल चलाने जाती हूँ। इससे मेरी अच्छी-खासी कसरत भी हो जाती है।”

कामयाबी का राज़: हफ्ते में तीन बार कम-से-कम 20 मिनट जमकर ऐसी कोई कसरत कीजिए जो आपको पसंद हो।

नींद बढ़िया, काम बढ़िया

बाइबल कहती है: “चैन के साथ एक मुट्ठी उन दो मुट्ठियों से अच्छा है, जिनके साथ परिश्रम और मन का कुढ़ना हो।” (सभोपदेशक 4:6) अगर आप रात को अच्छी नींद न लें, तो अगले दिन आप मन लगाकर काम नहीं कर पाएँगे।

“अगर मुझे ठीक से नींद नहीं आती, तो मैं अच्छे से काम नहीं कर पाती हूँ और मेरा किसी भी चीज़ में ध्यान नहीं लगता।—19 साल की आंचल।

“दोपहर दो बजे तक मैं इतनी थक जाती हूँ कि बात करते-करते ही ऊँघने लगती हूँ।”—19 साल की करिश्‍मा।

क्या आपको लगता है कि आपको थोड़ी और नींद की ज़रूरत है? आइए देखें आपकी उम्र के कुछ जवानों ने इस सिलसिले में क्या किया है।

देर रात तक मत जागिए। अठारह साल की कविता कहती है, “मेरी यही कोशिश रहती है कि मैं रात को जल्दी सो जाऊँ।”

ज़्यादा गप्पे मत लड़ाइए। इक्कीस साल का रवि कहता है, “कई बार देर रात तक मेरे दोस्त मुझे फोन करते या मैसेज भेजते थे, लेकिन अब मैंने सीख लिया है कि कैसे जल्दी से बात खत्म करूँ और सो जाऊँ।”

हर दिन ठहराए हुए वक्‍त पर सो जाइए। बीस साल की रेनू कहती है, “मैंने तय कर लिया है कि मैं कितने बजे सोऊँगी और उठूँगी और मैं रोज़ उसी वक्‍त पर सोती हूँ और सुबह उठती हूँ।”

कामयाबी का राज़: पूरी कोशिश कीजिए कि आप हर रात 8 से 10 घंटे की नींद लें।

इस लेख में दिए इन तीन पहलुओं में से आपको किस पर ज़्यादा ध्यान देने की ज़रूरत है?

❍ खान-पान ❍ कसरत ❍ नींद

आगे दी जगह में लिखिए कि आप किस तरह उस पहलू में सुधार करेंगे।

.....

अपनी सेहत का खयाल रखने के लिए अगर आप कुछ आसान से कदम उठाएँ, तो इससे आपको फायदा-ही-फायदा होगा। याद रखिए, अच्छी सेहत होने से आपके रंग-रूप में निखार आएगा, आप चुस्त-दुरुस्त रहेंगे और पूरे जोश के साथ काम कर पाएँगे। भले ही ज़िंदगी में कुछ चीज़ों पर हमारा बस नहीं चलता, लेकिन जहाँ तक हमारी सेहत का सवाल है, हम कुछ हद तक इस पर काबू रख सकते हैं। उन्‍नीस साल की ईशा कहती है, “आप अपनी सेहत के मालिक खुद हैं।” (g10-E 06)

“नौजवान पूछते हैं” के और भी लेख, वेब साइट www.watchtower.org/ype पर उपलब्ध हैं

[फुटनोट]

^ पैरा. 11 कई लोग सेहत से जुड़ी समस्याओं या अपंगता से जूझ रहे हैं जिन पर उनका कोई बस नहीं। यह लेख उन लोगों की मदद करेगा कि वे अपनी समस्याओं या बीमारियों के बावजूद काफी हद तक अच्छी सेहत बनाए रख सकें।

^ पैरा. 13 इस लेख में कुछ नाम बदल दिए गए हैं।

इस बारे में सोचिए

● अच्छी सेहत बनाए रखने से आपका खुद पर भरोसा कैसे बढ़ सकता है?

● सेहत के मामले में आप समझदारी कैसे दिखा सकते हैं?—फिलिप्पियों 4:5.

[पेज २२ पर बक्स/ तसवीरें]

आपके हमउम्र क्या कहते हैं

“हमारा शरीर एक कार की तरह है और मालिक की ज़िम्मेदारी बनती है कि वह इसकी अच्छी देखरेख करे। यही वजह है कि मैं कसरत करता हूँ और खुद को चुस्त रखता हूँ।”

“अगर एक दोस्त साथ में हो तो आपमें कसरत करने का जोश भर आता है क्योंकि आप नहीं चाहते कि वह भी ढीला पड़ जाए।”

“कसरत करने के बाद मैं खुद को तरो-ताज़ा महसूस करती हूँ। इसकी वजह से मैं अच्छी दिखने लगी हूँ और मेरा खुद पर भरोसा बढ़ा है।”

[पेज 22 पर तसवीरें]

ईथन

ब्रीऑन

एमिली