अपने विश्वास की गवाही देनेवाले दिलेर नौजवान
अपने विश्वास की गवाही देनेवाले दिलेर नौजवान
यहोवा के साक्षियों में कई ऐसे हैं जो जवान हैं। वे परमेश्वर से प्यार करते हैं और बाइबल में बताए गए उसके स्तरों के मुताबिक जीने की पूरी कोशिश करते हैं। इन नौजवानों को अपने विश्वास पर नाज़ है, इसलिए वे स्कूल में दूसरों को अपने विश्वास के बारे में बताने से बिलकुल नहीं झिझकते। आइए, इसकी कुछ मिसालें देखें।
◼ हॉली जब छठीं क्लास में थी तो उसकी पूरी क्लास को एक सवाल पर निबंध लिखने को कहा गया। सवाल था: “बगैर हिंसा के आप आतंकवाद की समस्या को कैसे दूर करेंगे?” हॉली ने इस मौके का फायदा उठाते हुए भविष्य के बारे में बाइबल से अपनी आशा के बारे में लिखा। उसने अपने निबंध में समझाया कि पूरे इतिहास में ‘मनुष्य ने दूसरों पर अधिकार जताकर उन्हें हानि पहुँचायी है।’ (सभोपदेशक 8:9, बुल्के बाइबिल) फिर उसने बताया कि इंसान के लिए एक ही सच्ची आशा है और वह है, परमेश्वर का राज्य। उसने लिखा: “यीशु को इस राज्य का राजा ठहराया गया है, इसलिए सारी समस्याएँ, यहाँ तक कि आतंकवाद भी जड़ से मिटा दिया जाएगा।” हॉली ने आगे बारीकी से समझाया कि यीशु जो करने जा रहा है, वह किसी इंसानी नेता के बस का नहीं है। उसने लिखा: “यीशु जब धरती पर था, तब उसने साबित कर दिखाया कि वह भविष्य में कैसा राजा होगा। उसे लोगों से प्यार था और वह उनकी परवाह भी करता था। बीमारों को चंगा करके और मुरदों को जिलाकर उसने दिखाया कि उसके पास शक्ति है। ऐसी ताकत किसी भी इंसानी सरकार में नहीं कि वह मरे हुए इंसान को दोबारा ज़िंदगी दे सके। मगर परमेश्वर का राज्य ऐसा करेगा।” निबंध के आखिर में हॉली ने लिखा: “आतंकवाद को कोई इंसान नहीं सिर्फ परमेश्वर मिटा सकता है।”
हॉली की इस रिपोर्ट के नीचे उसकी टीचर ने लिखा: “वाह, हॉली! क्या ही दमदार निबंध है। और बहुत सोच-समझकर लिखा गया है।” टीचर को यह बात भी अच्छी लगी कि हॉली ने अपनी जानकारी का हवाला बाइबल से दिया। इससे हॉली को अपनी टीचर से परमेश्वर की सेवा स्कूल के बारे में बताने का मौका मिला। यह कार्यक्रम हर
हफ्ते यहोवा के साक्षी चलाते हैं जहाँ उन्हें बोलने की, साथ ही दूसरों को सिखाने की तालीम दी जाती है। जब हॉली की टीचर को सेवा स्कूल की एक किताब दी गयी, तो उन्होंने उसे खुशी-खुशी कबूल किया।◼ जेसिका भी स्कूल के निबंधों के ज़रिए अपने विश्वास के बारे में गवाही दे पायी है। वह कहती है: “मैंने अपने विश्वासों के बारे में तीन निबंध लिखे हैं। एक में, मैंने यहोवा के साक्षियों और उनके धार्मिक अधिकारों के बारे में लिखा। मेरी टीचर ने इस निबंध को लाइब्रेरी में रखा है ताकि जो चाहे इसे पढ़ सके। हाल ही में मैंने अपने बपतिस्मे के बारे में एक निबंध लिखा कि यह दिन मेरे लिए क्यों खास है। टीचर को निबंध देने से पहले हम विद्यार्थी अपने-अपने निबंध की आउटलाइन तैयार करके एक-दूसरे को पढ़ने के लिए देते हैं। इसलिए मेरी क्लास के साथियों को मेरी आउटलाइन पढ़ने का मौका मिला। एक लड़की ने मुझसे कहा: ‘बहुत अच्छा निबंध था। अब मैं जान गयी हूँ कि यहोवा के साक्षी बनने पर क्या ज़िम्मेदारियाँ आती हैं। तुम्हारे बपतिस्मे पर तुम्हें बहुत-बहुत बधाई!’ एक दूसरी लड़की ने कहा: ‘तुम्हारी कहानी पढ़कर मुझे बहुत अच्छा लगा! मुझे खुशी है कि तुम्हारा विश्वास चट्टान की तरह मज़बूत है!’ एक लड़के ने बस इतना ही लिखा: ‘तुम बहुत ही सुलझी हुई लड़की हो। बपतिस्मा मुबारक हो।’”
◼ मेलिसा जब 11 साल की थी, तो उसे अपने विश्वास के बारे में गवाही देने का एक अनोखा मौका मिला। “एक दिन साइंस टीचर के बजाय स्कूल की नर्स ने साइंस क्लास में आकर हमें शरीर के इम्यून सिस्टम के बारे में लेक्चर दिया। फिर खून चढ़ाने की बात उठी। क्लास के बाद मैंने अपने साइंस टीचर को लहू पर अपनी संस्था के तैयार किए गए एक वीडियो के बारे में बताया। अगले दिन मैंने वह वीडियो स्कूल लाकर अपने टीचर को दिया। उन्होंने वीडियो को घर ले जाकर अपने परिवार के साथ देखा। दूसरे दिन टीचर ने वह वीडियो मेरी क्लास के साथ-साथ, एक दूसरी क्लास को भी दिखाया। उसके बाद उन्होंने क्लास के सामने यहोवा के साक्षियों की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी बदौलत ही आज बगैर खून इलाज करवाने का उपाय मौजूद है। वीडियो लौटाते वक्त उन्होंने पूछा: ‘क्या स्कूल लाइब्रेरी के लिए मुझे एक कॉपी मिल सकती है?’ मैंने उन्हें वीडियो की एक कॉपी दी। वे बहुत खुश हुए और मुझे भी बड़ी खुशी हुई।”
यहोवा के कई जवान साक्षियों की तरह हॉली, जेसिका और मेलिसा भी बाइबल की इस सलाह को मानकर चलते हैं कि अपने सिरजनहार को याद रखो। (सभोपदेशक 12:1) क्या आप भी ऐसा कर रहे हैं? अगर हाँ, तो यकीन रखिए कि आप यहोवा का दिल खुश कर रहे हैं।—नीतिवचन 27:11; इब्रानियों 6:10.
नौजवानो, जब आप अपने स्कूल के साथियों और टीचरों को अपने विश्वास के बारे में बताते हैं, तो उन्हें यहोवा और उसके मकसदों के बारे में ज़बरदस्त गवाही मिलती है। इससे आपका विश्वास भी मज़बूत होता है। और आपको इस बात पर फख्र होता है कि आप परमेश्वर के एक सेवक हैं। (यिर्मयाह 9:24) इसके अलावा, स्कूल में गवाही देने से हमारी हिफाज़त होती है। इस बारे में जेसिका का कहना है: “अपने विश्वासों के बारे में बात करने का एक फायदा यह है कि बाकी बच्चे उन कामों के लिए मुझ पर दबाव नहीं डालते जो बाइबल के खिलाफ हैं।” (g04 9/8)
[पेज 14 पर तसवीरें]
हॉली
[पेज 14, 15 पर तसवीरें]
जेसिका
[पेज 15 पर तसवीरें]
मेलिसा