आप ईश्वर की सलाह पा सकते हैं!
पूरी बाइबल में जो बातें लिखी हैं, वे ईश्वर ने लिखवायी हैं। यह हम कैसे कह सकते हैं? हज़ारों साल पहले ईश्वर ने अपने विचार कुछ लोगों के मन में डाले और उन्होंने वे बातें लिख लीं। तो उन्होंने जो भी लिखा, वह “परमेश्वर की प्रेरणा से लिखा।”—2 तीमुथियुस 3:16.
ईश्वर चाहता है कि आप उससे सीखें
‘यहोवा परमेश्वर कहता है, “मैं तुझे तेरे भले के लिए सिखाता हूँ और जिस राह पर तुझे चलना चाहिए उसी पर ले चलता हूँ। मेरी आज्ञाओं को ध्यान से सुन, उन्हें मान! तब तेरी शांति नदी के समान और तेरी नेकी समुंदर की लहरों के समान होगी।”’—यशायाह 48:17, 18.
ईश्वर चाहता है कि हमें मन की शांति मिले और हम हमेशा खुश रहें। इसलिए वह हमें बताता है कि हमें क्या करना चाहिए।
ईश्वर ने जो बातें लिखवायी हैं, उन्हें जानिए
‘यह ज़रूरी है कि सब राष्ट्रों में खुशखबरी का प्रचार किया जाए।’—मरकुस 13:10.
“खुशखबरी” यह है कि बहुत जल्द यहोवा दुख-तकलीफें मिटा देगा, इस धरती को खूबसूरत बाग जैसा बना देगा और हमारे अपने जो अब नहीं रहे, उन्हें ज़िंदा कर देगा। यहोवा के साक्षी पूरी दुनिया में इस खुशखबरी का ऐलान कर रहे हैं।