प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण सितंबर 2019

इस अंक में 28 अक्टूबर से 1 दिसंबर, 2019 के लिए अध्ययन लेख दिए गए हैं।

अध्ययन लेख 35

यहोवा अपने नम्र सेवकों को अनमोल समझता है

नम्रता एक ऐसा गुण है जो हममें से हरेक में होना चाहिए। लेकिन बदलते हालात में नम्र रहना क्यों मुश्‍किल हो सकता है?

अध्ययन लेख 36

हर-मगिदोन का हमें इंतज़ार है!

हर-मगिदोन से पहले कौन-कौन-सी अहम घटनाएँ घटेंगी? उस वक्‍त के आने तक हम यहोवा के वफादार कैसे रह सकते हैं?

अध्ययन लेख 37

यहोवा के अधीन क्यों और कैसे रहें?

राज्यपाल नहेमायाह, राजा दाविद और यीशु की माँ मरियम से मंडली के प्राचीन, पिता और माँएँ अधीनता के बारे में काफी कुछ सीख सकते हैं।

अध्ययन लेख 38

“मेरे पास आओ, मैं तुम्हें तरो-ताज़ा करूँगा”

यीशु का बुलावा स्वीकार करने के लिए हमें क्या करना होगा? हमें तीन कदम उठाने होंगे, तभी हम उसके जुए के अधीन रहकर ताज़गी पाते रह सकते हैं।

अध्ययन लेख 39

‘देखो! एक बड़ी भीड़’

यूहन्‍ना के दर्शन में यहोवा ने “बड़ी भीड़” की पहचान ज़ाहिर की और बताया कि यह बहुत बड़ी होगी और इसके लोग अलग-अलग देशों से होंगे। वे महा-संकट से बच निकलेंगे और धरती पर हमेशा के लिए जीएँगे।