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दान किए गए पैसों का इस्तेमाल कैसे किया जाता है?

अधिवेशन के कार्यक्रम का साफ ‘सुनायी और दिखायी’ देना

अधिवेशन के कार्यक्रम का साफ ‘सुनायी और दिखायी’ देना

1 जुलाई, 2024

 यहोवा के साक्षी 130 से भी ज़्यादा सालों से अपने सालाना अधिवेशन के लिए इकट्ठा होते आए हैं। आजकल अधिवेशनों में 40 से ज़्यादा भाषण दिए जाते हैं, भाई-बहनों के इंटरव्यू होते हैं, कई संगीत सुनाए जाते हैं और वीडियो दिखाए जाते हैं। हाज़िर लोगों को इस सब से तभी फायदा होगा और वे कदम उठाने के लिए प्रेरित होंगे, जब उन्हें पूरा कार्यक्रम साफ ‘सुनायी और दिखायी’ देगा। (लूका 2:20) इसलिए आपके दान का इस्तेमाल अधिवेशनों का इस तरह इंतज़ाम करने में भी किया जाता है ताकि सभी लोगों को फायदा हो। वह कैसे?

जगह के मुताबिक ऑडियो-वीडियो सिस्टम लगाना

 पश्‍चिम देशों के कई स्टेडियम और ऑडिटोरियम के पास पहले से ही अपना ऑडियो-वीडियो सिस्टम होता है। तो फिर जब हम वहाँ अधिवेशन रखते हैं, तो हम अकसर अपने ऑडियो-वीडियो के उपकरणों का इस्तेमाल क्यों करते हैं? विश्‍व-मुख्यालय ब्रॉडकास्टिंग विभाग में काम करनेवाला डेविड बताता है, “हमारे ज़्यादातर कार्यक्रम में भाषण दिए जाते हैं और हाज़िर लोगों को करीब छ: घंटे बैठकर ध्यान से सुनना होता है। और देखा गया है कि ऐसे बहुत कम स्टेडियम और ऑडिटोरियम होते हैं, जो इस तरह के कार्यक्रमों के लिए बनाए गए हों। जैसे, जिन जगहों पर खेल आयोजित किए जाते हैं, वहाँ माइक और स्पीकर सिर्फ कुछ घोषणाएँ करने या थोड़ी देर कोई धुन बजाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। और वहाँ जो स्क्रीन होती हैं उनमें बस खेल के स्कोर, कुछ विज्ञापन और खेल के कुछ सीन दोबारा दिखाए जाते हैं। लेकिन अधिवेशन के कार्यक्रम में जो भाषण दिए जाते हैं और वीडियो दिखाए जाते हैं, वे थोड़े लंबे होते हैं। और हम चाहते हैं कि हाज़िर लोग इन्हें अच्छे-से सुन, देख और समझ पाएँ।”

 जिन जगहों पर अधिवेशन रखे जाते हैं, उनमें से हर जगह अलग होती है। इसलिए जगह के हिसाब से ऑडियो-वीडियो सिस्टम लगाना पड़ता है। जब एक जगह चुन ली जाती है, तो उसके फौरन बाद शाखा दफ्तर का ब्रॉडकास्टिंग विभाग पता लगाता है कि कितने लोग इस अधिवेशन के लिए आएँगे और इस जगह कितने लोग समा सकते हैं। फिर वह उस हिसाब से तय करता है कि लोगों को कहाँ बिठाया जाए। इसके बाद भाई तय करते हैं कि स्क्रीन और स्पीकर कहाँ रखे जाएँ और उन सबको कैसे जोड़ा जाए। इसके लिए वे एक नक्शा तैयार करते हैं। फिर वे एक सूची बनाते हैं कि उन्हें क्या-क्या और कितने उपकरण चाहिए होंगे ताकि सभी लोग पूरा कार्यक्रम अच्छे-से देख और सुन पाएँ।

स्थानीय ब्रॉडकास्टिंग विभाग (एल.बी.डी.) के भाई बहुत ध्यान से बनाए एक नक्शे के मुताबिक काम करते हैं

 जिन अधिवेशनों में कार्यक्रम एक-से-ज़्यादा भाषाओं में पेश किया जाता है, उनमें और भी पेचीदा ऑडियो-वीडियो सिस्टम की ज़रूरत पड़ती है। क्यों? क्योंकि जैसे-जैसे कोई वक्‍ता भाषण देता है, तो उसका वीडियो और ऑडियो पहले अलग-अलग भाषा के अनुवादकों तक पहुँचाया जाता है ताकि वे उसका अनुवाद कर सकें। फिर उनका अनुवाद अलग-अलग रेडियो चैनल पर संचारण किया जाता है। इस तरह वहाँ हाज़िर लोग अपनी-अपनी भाषा में कार्यक्रम सुन पाते हैं। इसके अलावा, खास किस्म के मीडिया प्लेयर की वजह से हर वीडियो एक ही समय पर हाज़िर सभी लोगों को दिखाया जा सकता है, फिर चाहे उसका ऑडियो 8 भाषाओं में ही क्यों ना चलाया जाए। डेविड कहता है, “ये सिस्टम बहुत ही पेचीदा होते हैं और इन्हें चलाने के लिए स्वयंसेवकों को अच्छी ट्रेनिंग दी जाती है।”

 ज़्यादातर शाखा दफ्तरों के पास ऑडियो-वीडियो के उपकरण काफी मात्रा में होते हैं, जिनका वे हर साल इस्तेमाल करते हैं। जिन शाखा दफ्तरों के पास ये उपकरण होते हैं, वहाँ के भाई उन्हें एक अधिवेशन से दूसरे अधिवेशन तक ले जाने का इंतज़ाम करते हैं। अमरीकी शाखा दफ्तर को ही लीजिए। वह हर साल अधिवेशन के उपकरण एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में करीब 1 करोड़ 67 लाख रुपए खर्च करता है। फिर भी यह खर्चा नए उपकरण खरीदने और उनका रख-रखाव करने के खर्चे से कम है। स्टीवन कनाडा के अधिवेशनों में ऑडियो-वीडियो विभाग की निगरानी करने में मदद करता है। वह कहता है, “हमारी ऑडियो-वीडियो टीम के भाई-बहन हर एक पेंच, वायर, एक-एक पुरज़े का हिसाब रखते हैं। वे सारी चीज़ों का ध्यान से इस्तेमाल करते हैं। काम खत्म होने पर उन्हें अच्छे-से पैक करते हैं ताकि अगले अधिवेशन के लिए उन्हें ले जाया जा सके।”

ऑडियो-वीडियो के उपकरणों की खरीदारी और रख-रखाव

 किराए पर ऑडियो-वीडियो के उपकरण लेना बहुत महँगा होता है। और अकसर ये अच्छी क्वालिटी के नहीं होते या उनका ठीक से रख-रखाव नहीं किया जाता। इसलिए हमें जो भी उपकरण चाहिए होता है, आम तौर पर हम उसे खरीद लेते हैं। फिलहाल 16x10 फुट (5x3 मीटर) की एक एल.ई.डी. वीडियो वॉल की कीमत करीब 20 लाख रुपए है और एक माइक के 50 फुट (15 मीटर) वायर की कीमत करीब 1,600 रुपए है। इसलिए कोई भी उपकरण खरीदने से पहले ब्रॉडकास्टिंग विभाग, खरीदारी विभाग के साथ मिलकर ‘खर्च का हिसाब लगाता है।’ (लूका 14:28) वे कई बातों की जाँच करते हैं: इस उपकरण से कितने लोगों को फायदा होगा? क्या वाकई इसे खरीदना ज़रूरी है? क्या इसे रखने की कोई अच्छी जगह है? क्या इसका रख-रखाव करने के लिए औज़ार और काबिल लोग हैं?

 हम चाहते हैं कि ऑडियो-वीडियो के उपकरण लंबे समय तक काम करें, जिससे नया उपकरण खरीदने की ज़रूरत ना पड़े। और इससे भाई-बहनों के दान के पैसे भी बच सकते हैं। इसलिए समय-समय पर हम सारे उपकरणों की मरम्मत करते हैं। यही नहीं, हम उन्हें मज़बूत बक्सों में अच्छी तरह पैक करते हैं ताकि उन्हें एक जगह से दूसरी जगह ले जाते वक्‍त कोई नुकसान ना हो। इन बक्सों की भी समय-समय पर मरम्मत की जाती है।

ऑडियो-वीडियो के उपकरणों की मरम्मत और रख-रखाव करने से वे लंबे समय तक काम करते हैं

एक अच्छी गवाही और बढ़िया कार्यक्रम

 जो लोग साक्षी नहीं हैं, वे हमारे अधिवेशन के ऑडियो-वीडियो की क्वालिटी देखकर दंग रह जाते हैं। उदाहरण के लिए, दुनिया की एक बड़ी रेडियो और टेलिविज़न कंपनी में काम करनेवाले एक आदमी को भी ऐसा लगा, जब वह हमारे एक अधिवेशन में हाज़िर हुआ। जोनाथन ने, जो अधिवेशनों में ऑडियो-वीडियो सिस्टम लगाने में और उन्हें चलाने में मदद करता है, कहा, “जब उस आदमी को पता चला कि हमारे टीम के सभी भाई-बहन स्वयंसेवक हैं और वे इस क्षेत्र में पेशेवर लोग नहीं हैं, तो वह हैरान रह गया। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि जो काम करने में उसकी कंपनी को पाँच दिन लगते, वह हमने डेढ़ दिन में कर दिया।” एक दूसरी अधिवेशन की जगह के मैनेजर ने कहा, “संगीत और वीडियो की दुनिया के कई पेशेवर लोगों ने यहाँ काम किया है। लेकिन आप लोगों ने तो उनसे भी बेहतरीन काम किया है!”

भाई-बहन कार्यक्रम का मज़ा ले रहे हैं

 अधिवेशन के ऑडियो-वीडियो सिस्टम से आपको क्या फायदा हुआ है? शायद आप भी इंग्लैंड के रहनेवाले डेविड की तरह महसूस करें। उन्होंने कहा, “मैं 88 साल का हूँ और अपनी पूरी ज़िंदगी कई अधिवेशनों में गया हूँ। पर पहले से कहीं ज़्यादा अब मैं कार्यक्रम पर पूरा ध्यान लगा पाता हूँ। इतने बढ़िया वीडियो दिखाए जाते हैं कि अधिवेशन कब खत्म हो जाता है, पता ही नहीं चलता! यही नहीं, बातें भी बहुत खुलकर समझायी जाती हैं और वह भी अधिवेशन के विषय के मुताबिक।” नाइजीरिया के रहनेवाले माइकल ने कहा, “अब हमारे भाई-बहन वक्‍ताओं को अच्छे-से सुन सकते हैं और वीडियो देख सकते हैं। इसलिए कार्यक्रम पर से उनका ध्यान नहीं भटकता और वे पूरा कार्यक्रम का मज़ा भी ले पाते हैं।”

 जब आप इस साल का “खुशखबरी का ऐलान करो!” क्षेत्रीय और खास अधिवेशन में हाज़िर होंगे, तो थोड़ा रुककर सोचिए कि परदे के पीछे क्या-क्या काम किया गया है ताकि आप अच्छे-से कार्यक्रम को देख और सुन पाएँ। यह सारा इंतज़ाम आपके दान की वजह से हो पाया है, उस दान की वजह से भी जो आपने donate.jw.org के ज़रिए किया हो। इसके लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया!