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विज्ञान की खोज से बहुत पहले ही परमेश्‍वर ने शुद्धता के नियम दिए

विज्ञान की खोज से बहुत पहले ही परमेश्‍वर ने शुद्धता के नियम दिए

 आज से पैंतीस सौ साल पहले जब इसराएली वादा किए गए देश में कदम रखनेवाले थे, तो परमेश्‍वर ने उनसे एक वादा किया। उसने कहा कि वह उन्हें उन ‘खतरनाक बीमारियों’ से बचाएगा जो उन्होंने मिस्र में देखी थीं। (व्यवस्थाविवरण 7:15) इसी वजह से उसने उन्हें साफ-सफाई से जुड़ी कुछ हिदायतें दीं ताकि बीमारियाँ न फैलें। उदाहरण के लिए:

  •   इसराएलियों को जो कानून दिया गया था, उसमें साफ-साफ बताया गया था कि उन्हें कपड़े धोने हैं और नहाना है।—लैव्यव्यवस्था 15:4-27.

  •   शौच के बारे में परमेश्‍वर ने उनसे कहा था, “तुम छावनी के बाहर शौच के लिए एक अलग जगह तय करना और जब भी ज़रूरत हो वहीं जाना। तुम अपने साथ जो औज़ार रखते हो उनमें खुरपी भी होनी चाहिए। जब तुम छावनी के बाहर शौच के लिए जाते हो तो तुम खुरपी से एक गड्‌ढा खोदना और उसमें मल-त्याग करने के बाद मिट्टी से ढाँप देना।”—व्यवस्थाविवरण 23:12, 13.

  •   अगर इसराएलियों को लगता था कि किसी व्यक्‍ति को कोई संक्रामक बीमारी हो गयी है, तो उन्हें कुछ समय के लिए उसे दूसरों से अलग रखना होता था। जब वह व्यक्‍ति ठीक हो जाता था, तो वह छावनी में लौट सकता था। लेकिन लौटने से पहले उसे अपने कपड़े धोने थे और नहाना था, तभी उसे “शुद्ध” माना जाता था।—लैव्यव्यवस्था 14:8, 9.

  •   अगर कोई किसी की लाश छू लेता था, तो उसे कुछ समय के लिए दूसरों से अलग रहना था।—लैव्यव्यवस्था 5:2, 3; गिनती 19:16.

 इसराएलियों को दिए कानून से पता चलता है कि उन्हें बीमारियों से बचने और साफ-सफाई की अहमियत के बारे में दूसरे राष्ट्रों से सालों पहले पता था।

 उस समय दूसरे राष्ट्र साफ-सफाई पर ज़्यादा ध्यान नहीं देते थे। उदाहरण के लिए:

  •   कूड़ा-कचरा रास्ते में ही फेंक दिया जाता था। गंदे पानी, कचरे और दूषित खाने की वजह से बहुत लोग बीमार हो जाते थे और छोटे बच्चों की मौत हो जाती थी।

  •   पुराने समय के वैद्य कीटाणुओं और रोगाणुओं के बारे में बहुत कम जानते थे या फिर बिलकुल नहीं जानते थे। मिस्री लोग छिपकली के खून, हवासिल के मल, मरे हुए चूहों, पेशाब और फफूँदी लगी रोटी से लोगों का इलाज करते थे। उस समय जानवरों और लोगों के मल से इलाज करना भी बहुत आम बात थी।

  •   उस ज़माने में मिस्री नील नदी और उसकी नहरों के दूषित पानी की वजह से बीमार हो जाते थे। दूषित खाना खाने से बहुत से बच्चे दस्त और ऐसी ही दूसरी बीमारियों की वजह से मर जाते थे।

 जहाँ तक इसराएलियों की बात है, उन्हें परमेश्‍वर के कानून मानने से फायदा होता था। वे दूसरे राष्ट्रों के लोगों से ज़्यादा सेहतमंद थे।