पूरी दुनिया में प्रचार और सिखाने का काम
यूरोप
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देश 47
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जनसंख्या 74,44,82,011
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प्रचारक 16,11,290
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बाइबल अध्ययन 8,34,121
उसने नरमी से जवाब दिया
जॉर्जिया में जब ट्रॉली लगाकर गवाही दी जा रही थी तो एक आदमी वहाँ आया और चिल्लाने लगा, “मैं तुम लोगों को यहाँ प्रचार करने नहीं दूँगा! जॉर्जिया, ऑर्थोडॉक्स ईसाइयों का देश है।” ट्रॉली के पास खड़े एक भाई ने उससे अदब से पूछा कि क्या उसने कभी हमारी कोई किताब पढ़ी है। उस आदमी ने कहा, “नहीं, मैंने नहीं पढ़ी।” भाई ने प्यार से उससे कहा कि क्यों न वह पढ़कर
देखे। इस तरह जब भाई ने समझदारी से बात की तो वह आदमी शांत हो गया और कुछ प्रकाशन लेकर चला गया। कुछ दिन बाद वह आदमी वापस आया और वह पहले जिस तरह से पेश आया था उसके लिए उसने माफी माँगी। उसने कहा कि उसने हमारी पत्रिका अपनी माँ को पढ़कर सुनाया जो देख नहीं सकती। उन दोनों को पत्रिका बहुत अच्छी लगी। उस आदमी ने कहा कि उसे पढ़ने के लिए और भी कुछ चाहिए। अब वह नयी पत्रिकाएँ लेने के लिए हमारी ट्रॉली के पास बराबर आता रहता है।झगड़ा सुलझाने का बढ़िया तरीका
अज़रबाइजान में हमारे दो भाई प्रचार कर रहे थे। वे एक जवान आदमी के पास गए जो एक इमारत के सामने खड़ा था और उसे गवाही देने लगे। उस आदमी ने कहा, “मुझे आपकी ये बातें नहीं सुननी। यह मेरे लिए पाप है।” फिर उसने पीछे की जेब से एक चाकू निकाला और कहा, “मैं यह चाकू किसी पर चलाने जा रहा हूँ। मेरे साथ नाइंसाफी हुई है, मैं बदला लेकर ही रहूँगा।”
यह देखकर भाई चौंक गए। उन्होंने कहा, “खून करना पाप है।”
उस आदमी ने पूछा, “तो मुझे क्या करना चाहिए?” भाइयों ने उसे रोमियों 12:17-21 पढ़कर सुनाया और समझाया कि बदला लेना परमेश्वर का काम है और हमें ‘बुराई से नहीं हारना चाहिए बल्कि भलाई से बुराई को जीतते रहना चाहिए।’ उन्होंने उसे बताया कि नरमी से बात करने से कितना अच्छा असर होता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर वह किसी को चोट पहुँचाएगा या उसे मार डालेगा तो बाद में उसका ज़मीर उसे कोसता रहेगा। उस आदमी को ये बातें अच्छी लगीं और वह वहाँ से चला गया।
करीब एक घंटे बाद वह आदमी भाइयों को ढूँढ़ता हुआ उनके पास आया और कहने लगा, “मैं जिस आदमी को मार डालना चाहता था उससे
अभी-अभी मिलकर आया हूँ। मैंने उसे कुछ नहीं किया बल्कि उससे बात करके झगड़ा सुलझा लिया। मैं आपका एहसानमंद हूँ कि आपने मुझे बहुत बड़ी गलती करने से बचा लिया।” साक्षियों ने उससे कहा कि दरअसल यहोवा ने उसकी मदद की थी।ट्रॉली ने एक निष्क्रिय बहन को आकर्षित किया
कुछ साल पहले नॉर्वे की एक बहन सच्चाई से दूर चली गयी थी। जब ट्रॉली लगाकर सरेआम गवाही देना शुरू हुआ, तो वह अकसर खरीदारी करते वक्त एक ट्रॉली के पास से गुज़रती थी।
उसने कभी ट्रॉली के पास खड़े साक्षियों से बात नहीं की। मगर उसने गौर किया कि ट्रॉली पर लगे पोस्टर और किताबें-पत्रिकाएँ बहुत आकर्षक और सुंदर हैं। उसने यह भी देखा कि साक्षी बड़े प्यार से लोगों से मिलते हैं और उनका पहनावा सलीकेदार है। इन सारी बातों ने उसमें यह इच्छा जगायी कि वह यहोवा और उसके लोगों के पास लौट आए।
उसने हमारी वेबसाइट jw.org का लोगो भी देखा था, इसलिए वह उस साइट पर गयी। वह यह देखकर हैरान रह गयी कि यह पता लगाना कितना आसान है कि सबसे नज़दीकी राज-घर कहाँ है और वहाँ सभाएँ कब होती हैं। उसने कुछ प्रकाशन डाउनलोड किए और वह थोड़ी घबरायी हुई राज-घर गयी। मगर वहाँ सबने प्यार से उसका स्वागत किया और प्राचीनों ने एक बहन से कहा कि वह उसके साथ बाइबल अध्ययन करे। कुछ ही समय के अंदर मंडली के कुछ लोगों से उसकी अच्छी दोस्ती हो गयी और वह दोबारा परमेश्वर की सेवा करने लगी। अब वह नियमित तौर पर सभाओं और प्रचार में जाती है और खुश है कि एक बार फिर यहोवा के साथ उसका करीबी रिश्ता है।
उसने स्कूल बस में गवाही दी
नॉर्वे की रहनेवाली रॉनजा 15 साल की है। एक बार स्कूल बस में उसके और क्लास के तीन लड़कों के बीच विकासवाद को लेकर बातचीत हुई।
रॉनजा जो मानती है उसका उन लड़कों ने मज़ाक उड़ाया। तब हमारी यह छोटी बहन सहम गयी। वह ठीक से बता नहीं पायी कि एक सृष्टिकर्ता है क्योंकि उसने काफी समय से इस विषय पर बात नहीं की थी। घर पर उसने अपनी माँ से कहा कि वह कुछ ठोस दलीलें तैयार करने में उसकी मदद करे।अगले दिन स्कूल बस में रॉनजा ने वे दलीलें दीं जो उसने तैयार की थीं। फिर भी उन लड़कों ने उसका मज़ाक उड़ाया कि वह यहोवा पर विश्वास करती है। एक ने तो ज़ोर से कहा, ‘इस बस में बैठा कोई भी यहोवा को नहीं मानता! तुम लोगों में से जो-जो विकासवाद को मानते हैं वे हाथ उठाएँ और इसके बाद जो लोग यहोवा को मानते हैं वे हाथ उठाएँ।” रॉनजा यह देखकर हैरान रह गयी कि पास बैठे एक छोटे लड़के ने हाथ उठाकर कहा, “मैं यहोवा को मानता हूँ!” दो और बच्चों ने भी कहा, “मैं भी!” दूसरे बच्चों ने भी रॉनजा की बातें सुनी थीं और उनमें से कुछ लोग उसकी दलीलों से कायल हो गए थे!
एक अनपढ़ आदमी को किताब मिली
एक दिन दोपहर को अरबी बोलनेवाले दो आदमी डेनमार्क के शाखा दफ्तर आए। वे सीरिया से थे। उन्होंने रिसेप्शन पर बैठी बहनों से कहा कि वे यहोवा के साक्षियों को ढूँढ़ रहे हैं। बहनों ने उन्हें बताया कि वे बिलकुल सही जगह आए हैं। दोनों आदमी बहुत खुश हुए। उन्हें शाखा दफ्तर का पता कहाँ से मिला? जब वे उस इलाके की सार्वजनिक लाइब्रेरी में थे तो वहाँ काम करनेवालों को उन्होंने एक तसवीर दिखायी जो उन्होंने फोन से ली थी। वह तसवीर अरबी भाषा में बाइबल असल में क्या सिखाती है? किताब के पहले पन्ने की थी। लाइब्रेरी में काम करनेवालों ने शाखा दफ्तर का पता ढूँढ़कर उन्हें दिया था।
दोनों आदमी डेनिश भाषा बड़ी मुश्किल से बोल रहे थे। इसलिए अरबी बोलनेवाले एक भाई को रिसेप्शन पर बुलाया गया। उनसे बात करने पर पता चला कि उनमें से एक आदमी को बाइबल के बारे में सीखने की बड़ी इच्छा है। भाई ने उसका पता पूछा और वादा किया कि बहुत जल्द वह उससे मिलेगा और अरबी बोलनेवाले एक और भाई को साथ लाएगा।
जब दोनों भाई उस आदमी से मिलने उसके घर गए तो उन्हें पता चला कि यहोवा के साक्षी उसके घर पर कभी नहीं आए। उसने कहा कि उसे वह किताब उसकी डाक पेटी में मिली, जबकि पेटी पर ऐसा कोई नाम नहीं लिखा था जिससे पता चलता कि वह अरबी बोलनेवाले आदमी की है। वह अनपढ़ था, इसलिए उसने अपने एक दोस्त से कहा कि वह उसे पढ़कर सुनाए। उन्होंने वह किताब तीन दिन में पढ़ डाली। उसने जो सुना था उससे उसे यकीन हो गया कि उसे सच्चाई मिल गयी है।
वह आदमी एक शरणार्थी है जो अपने परिवार से दूर है। इसलिए वह बहुत दुखी है, मगर बाइबल से उसे दिलासा मिलता है। जब भाई उससे पहली बार मिले तो उसने उनसे पूछा, “आप लोग मेरे पास पहले क्यों नहीं आए? मुझे इस संदेश की सख्त ज़रूरत थी।” हमारे भाई उसके साथ
बाइबल अध्ययन कर रहे हैं और वह जो सीखता है उससे रोमांचित हो उठता है।जिस दिल में खालीपन था वह खुशियों से भर गया
दिमित्री यूक्रेन में एक सिगरेट कंपनी का मैनेजर था और उसे मोटी तनख्वाह मिलती थी। मगर जब उसे एहसास हुआ कि सिगरेट से एक इंसान की सेहत को कितना नुकसान होता है तो उसने नौकरी छोड़ दी। फिर तीन महीने के अंदर उसकी माँ और सास की मौत हो गयी। इन अज़ीज़ों को खोने पर उसे बड़ा सदमा लगा। उसने सोचा कि उसे चर्च से दिलासा मिलेगा और उसके सवालों के जवाब भी मिलेंगे, मगर ऐसा नहीं हुआ। एक दोस्त ने उसे बताया कि ऑर्थोडॉक्स चर्च का सदस्य होने का मतलब है “गले में क्रूस लटकाना, मगर दिल में खालीपन होना।” दिमित्री बिलकुल ऐसा ही महसूस करता था। उसे एहसास हुआ कि वह परमेश्वर और बाइबल के बारे में कुछ नहीं जानता था। मायूस होकर वह प्रार्थना करने लगा। फिर उसे याद आया कि उसने यहोवा के साक्षियों के बारे में सुना था। उसे इंटरनेट पर हमारी वेबसाइट मिली और यह देखकर वह खुश हुआ कि इस साइट पर बाइबल के बारे में कितनी सारी जानकारी है। फिर उसने सबसे नज़दीकी राज-घर का पता ढूँढ़ा। जब वह राज-घर के पास गाड़ियाँ खड़ी करने की जगह पहुँचा तो एक मददगार भाई ने उसका स्वागत किया और पूछा कि वह उसकी क्या मदद कर सकता है। दिमित्री ने कहा, “मैं बाइबल सीखना चाहता हूँ।” पिछले छ: महीनों से वह बाइबल सीख रहा है और नियमित तौर पर सभाओं में जा रहा है और उनमें हिस्सा ले रहा है।
वापसी भेंट करने का दिलचस्प तरीका
पॉल और उसकी पत्नी फेथ ब्रिटेन में रहते हैं। सूज़न नाम की एक औरत से उनकी अच्छी बातचीत हुई और उन्होंने उससे दोबारा मिलने का इंतज़ाम किया। मगर जब वे सूज़न से मिलने गए तो वह घर पर नहीं थी। पॉल और फेथ ने नवंबर 2014 की हमारी राज-सेवा में दी सलाह मानी
और वहाँ एक परचा लिखकर रख दिया कि वे अगले दिन उससे मिलने आएँगे। अगले दिन जब वे गए तो यह देखकर हैरान रह गए कि दरवाज़े पर उनके लिए भी एक परचा था। सूज़न ने लिखा कि वह अपनी बेटी की शादी की खरीदारी करने गयी है। पॉल और फेथ ने एक और परचा लिखकर रखा कि वे अगले हफ्ते आएँगे। इस बार सूज़न उनका इंतज़ार कर रही थी। उन्होंने उसके साथ बाइबल सिखाती है किताब से अध्ययन शुरू किया।सूज़न की बेटी की शादी नज़दीक आ रही थी, इसलिए उसने पॉल और फेथ से गुज़ारिश की कि वे कुछ समय बाद आएँ। अगली बार जब वे दोनों गए तो किसी ने दरवाज़ा नहीं खोला, इसलिए उन्होंने एक परचा लिखा जिस पर उन्होंने अपना मोबाइल नंबर भी दिया। सूज़न ने उन्हें मैसेज करके माफी माँगी कि वह उनसे मिल नहीं पायी। दरअसल वह बगीचे में एक पड़ोसिन से बात करने में लग गयी थी। उसके बाद से सूज़न लगातार बाइबल अध्ययन करने लगी और हाल ही में वह पहली बार सभा में आयी।
पॉल और फेथ प्रचार में लोगों से संपर्क बनाए रखने के लिए परचा लिखने का तरीका बहुत अच्छी तरह अपनाते हैं। पॉल कहता है, “हमने और भी कई लोगों के लिए परचे लिखे और उन्होंने पढ़ा। यह तरीका वाकई बढ़िया है!”
उसके विश्वास ने नर्स को उभारा
अगस्त 2014 में हंगरी के एक भाई को अस्पताल में भरती किया गया क्योंकि उसे फेफड़ों की एक बीमारी हो गयी थी। दुख की बात है कि कुछ ही समय बाद उसकी मौत हो गयी। टिंडा नाम की एक नर्स ने उसकी बहुत अच्छी देखभाल की थी। उसके बारे में भाई की पत्नी ने यह लिखा:
“मैं 2015 की गरमियों में अपने बेटे के साथ ‘यीशु के नक्शे-कदम पर चलिए!’ क्षेत्रीय अधिवेशन में गयी थी। तीसरे दिन का कार्यक्रम खत्म होने के बाद, जब हम घर लौटने के लिए गाड़ियाँ खड़ी करने की जगह पर थे तो एक औरत मेरे सामने आयी। उसने अपने बैग नीचे डाले, मुझे गले लगाया और रोने लगी। यह वही नर्स थी जिसने करीब एक साल पहले आई.सी.यू. में मेरे पति की देखभाल की थी। उसने बताया कि हर शिफ्ट की शुरूआत में नर्सों को बताया जाता है कि वे किस-किस मरीज़ की देखभाल करेंगी। हर बार वह प्रार्थना करती थी कि उसे मेरे पति की देखभाल करने के लिए कहा जाए। और बार-बार ऐसा ही होता था!
टिंडा ने कहा कि मेरे पति का जैसा विश्वास था वैसा ही उसका व्यवहार भी बढ़िया था और वह अकसर अपनी आशा के बारे में बात करता था। इसी बात ने टिंडा को उभारा कि वह यहोवा के साक्षियों से बाइबल सीखेगी और उसे गंभीरता से लेगी।
टिंडा अब बाइबल सीख रही है और उस समय का बेसब्री से इंतज़ार कर रही है जब वह मेरे पति का स्वागत कर पाएगी। वह उसे बताना चाहती है कि उसके अच्छे व्यवहार और मज़बूत विश्वास की वजह से ही वह यहोवा और उसके बेहतरीन वादों के बारे में जान पायी थी।”
हर गाड़ी के पास जाकर गवाही दी गयी
विरोध प्रदर्शनों की वजह से ग्रीस और बुल्गारिया के बीच की सरहद के कई नाके कभी-कभी बंद कर दिए जाते थे। इस वजह से मीलों तक गाड़ियों की कतार लग जाती थी। बुल्गारिया की सरहद के पास की एक मंडली ने इन हालात का फायदा उठाया। वहाँ के भाई-बहन जाकर गाड़ियों में इंतज़ार करते लोगों को पढ़ने के लिए बाइबल की किताबें-पत्रिकाएँ देते थे। वे 12 भाषाओं में प्रकाशन ले जाते थे। कई ट्रक ड्राइवर थककर चूर हो जाते थे और खीजे हुए रहते थे, फिर भी वे बात करना चाहते थे। भाई उनकी बात ध्यान से सुनते, उन्हें आशा देते और उनकी हिम्मत बँधाते थे। एक ड्राइवर ने पूछा, “आप लोग यहोवा के साक्षी हैं?” जब भाइयों ने ‘हाँ’ कहा तो उसने कहा, “मैं जानता था, क्योंकि सिर्फ यहोवा के साक्षी इस तरह प्रचार करते हैं।” ऑस्ट्रिया के एक ट्रक ड्राइवर ने, जो दिल का बहुत अच्छा था, मज़ाक करते हुए कहा: “हम यहाँ भी आप लोगों से बच नहीं सकते! आप लोग बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। लोगों को आप इसी तरह दिलासा और आशा देते रहिए।” एक और ड्राइवर ने कहा, “मेरा कभी मन नहीं किया कि मैं आपकी किताबें पढ़ूँ। मगर अब मैं इसे ज़रूर पढ़ूँगा।” जब एक भाई ने एक ड्राइवर को प्रचार किया तो उसकी आँखों से आँसू बहने लगे। उस ड्राइवर ने बताया कि कई साल पहले वह एक साक्षी था। भाइयों ने उसे बढ़ावा दिया कि वह हमारी किताबें-पत्रिकाएँ पढ़ने के साथ-साथ एक मंडली से ज़रूर संपर्क करे।