यीशु—राह, सच्चाई, जीवन
इस किताब में यीशु के जीवन की उन सारी घटनाओं के बारे में पढ़िए जो बाइबल में लिखी गयी हैं।
परिचय
राह, सच्चाई, जीवन
खुशखबरी की किताबों में लिखा है कि यीशु ने क्या-क्या सिखाया था और उसने कैसे काम किए थे। इस बारे में जानने से आप एक अच्छी ज़िंदगी जी सकेंगे।
अध्याय 1
परमेश्वर की तरफ से दो संदेश
जिब्राईल नाम का स्वर्गदूत ऐसे संदेश देता है जिन पर यकीन करना मुश्किल है।
अध्याय 2
यीशु के जन्म से पहले उसका सम्मान
इलीशिबा और उसके गर्भ में पल रहा बच्चा, दोनों कैसे यीशु का सम्मान करते हैं?
अध्याय 3
रास्ता तैयार करनेवाला पैदा होता है
जैसे ही जकरयाह चमत्कार से बोलने लगता है, वह एक अहम भविष्यवाणी करता है।
अध्याय 4
मरियम—शादी से पहले गर्भवती
क्या यूसुफ मरियम की इस बात पर यकीन करता है कि वह किसी और आदमी से नहीं बल्कि पवित्र शक्ति से गर्भवती हुई है?
अध्याय 6
परमेश्वर का वादा पूरा हुआ
जब यूसुफ और मरियम नन्हे यीशु को मंदिर लाते हैं, तो वहाँ एक बुज़ुर्ग आदमी और एक बुज़ुर्ग औरत यीशु के बारे में भविष्यवाणी करते हैं।
अध्याय 7
यीशु को देखने ज्योतिषी आते हैं
पूरब में लोगों ने जो तारा देखा, वह उन्हें पहले यीशु के पास क्यों नहीं ले गया? वह पहले उन्हें राजा हेरोदेस के पास क्यों ले गया जो यीशु को मार डालना चाहता था?
अध्याय 8
वे एक दुष्ट राजा से बच निकलते हैं
जब यीशु छोटा बच्चा ही है, तब मसीहा से जुड़ी बाइबल की तीन भविष्यवाणियाँ पूरी होती हैं।
अध्याय 10
यीशु का परिवार यरूशलेम जाता है
जब यूसुफ और मरियम देखते हैं कि यीशु कहीं नहीं है, तो वे बहुत परेशान हो जाते हैं। मगर यीशु को यह जानकर हैरानी होती है कि वे नहीं जानते कि उन्हें उसे कहाँ ढूँढ़ना चाहिए।
अध्याय 11
यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला रास्ता तैयार करता है
जब कुछ फरीसी और सदूकी यूहन्ना के पास आते हैं, तो यूहन्ना क्यों उन्हें फटकारता है?
भाग 2
यीशु सेवा शुरू करता है
अध्याय 13
जब शैतान लुभाए, तो यीशु की तरह ठुकराइए
शैतान ने यीशु को लुभाने के लिए जो किया, उससे दो खास बातें पता चलती हैं।
अध्याय 14
यीशु चेले बनाने का काम शुरू करता है
सबसे पहले जो छः जन यीशु के चेले बने, उन्हें किस बात से यकीन हो गया कि उन्हें मसीहा मिला गया?
अध्याय 15
यीशु का पहला चमत्कार
यीशु अपनी माँ को एहसास दिलाता है कि अब से उसे क्या करना है और क्या नहीं, यह उसका पिता यहोवा बताएगा, न कि मरियम।
अध्याय 16
सच्ची उपासना के लिए यीशु का जोश
परमेश्वर के कानून में तो बताया गया था कि वे बलिदान के लिए यरूशलेम में पशु-पक्षी खरीद सकते हैं। तो फिर यीशु मंदिर में व्यापार करनेवालों पर क्यों भड़क गया था?
अध्याय 18
यीशु बढ़ता है, यूहन्ना घटता है
यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले के चेलों को यीशु से जलन होती है, मगर यूहन्ना को नहीं होती।
अध्याय 19
यीशु एक सामरी औरत को सिखाता है
यीशु सामरी औरत को एक ऐसी बात बताता है जो उसने शायद अब तक किसी को नहीं बतायी।
अध्याय 21
नासरत के सभा-घर में यीशु
यीशु ने ऐसी क्या बात कही जिसे सुनकर उसके नगर के लोगों ने उसे मार डालने की कोशिश की?
अध्याय 22
चार चेले एक और तरह की मछुवाई करेंगे
यीशु चार चेलों को मछली पकड़ना छोड़कर एक और तरह की मछुवाई करने बुलाता है।
अध्याय 23
कफरनहूम में बड़े-बड़े चमत्कार
जब यीशु लोगों में से दुष्ट स्वर्गदूतों को निकालता है, तो वह दुष्ट स्वर्गदूतों को यह बताने नहीं देता कि वह परमेश्वर का बेटा है। वह क्यों उन्हें बताने नहीं देता?
अध्याय 24
गलील के कई इलाकों में सेवा
लोग यीशु के पास चंगा होने आते हैं, लेकिन यीशु बताता है कि वह चंगा करने के लिए नहीं बल्कि एक खास वजह से सेवा करता है।
अध्याय 25
यीशु एक कोढ़ी पर करुणा करता है
यीशु ने एक बात कही जिससे पता चलता है कि वह उन लोगों की कितनी परवाह करता है जिन्हें वह चंगा करता है।
अध्याय 29
क्या सब्त के दिन भले काम करना सही है?
जब यीशु एक ऐसे आदमी को चंगा करता है जो 38 साल से बीमार है, तो यहूदी क्यों यीशु को सताने लगते हैं?
अध्याय 30
परमेश्वर यीशु का पिता है
यहूदी सोचते हैं कि यीशु खुद को परमेश्वर के बराबर बता रहा है। मगर यीशु यह साफ बताता है कि परमेश्वर उससे बड़ा है।
अध्याय 31
चेले सब्त के दिन अनाज की बालें तोड़कर खाते हैं
यीशु क्यों कहता है कि वह “सब्त के दिन का प्रभु है?”
अध्याय 32
सब्त के दिन क्या करना सही है?
सदूकियों और फरीसियों की आपस में नहीं बनती। मगर एक काम करने के लिए वे मिल जाते हैं।
अध्याय 33
यशायाह की भविष्यवाणी पूरी होती है
यीशु जिन्हें चंगा करता है उनसे क्यों सख्ती से कहता है कि वे दूसरों को न बताएँ कि वह कौन है और उसने क्या किया है?
अध्याय 36
एक सेनापति कमाल का विश्वास दिखाता है
यह सेना-अफसर ऐसा क्या करता है जिससे यीशु हैरान रह जाता है?
अध्याय 37
यीशु एक विधवा के बेटे को ज़िंदा करता है
जिन्होंने यह चमत्कार देखा है, वे इसके मायने समझते हैं।
अध्याय 38
यूहन्ना यीशु से कुछ जानना चाहता है
यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला क्यों पूछता है कि क्या यीशु ही मसीहा है? क्या यूहन्ना को शक हो रहा है?
अध्याय 39
विश्वास न करनेवालों का बुरा होगा
यीशु कहता है कि न्याय के दिन सदोम का हाल कफरनहूम शहर के हाल से ज़्यादा सहने लायक होगा। यीशु ने ज़्यादातर कफरनहूम में रहकर सेवा की थी।
अध्याय 40
माफी के बारे में सीख
यीशु एक औरत से, जो शायद वेश्या थी, कहता है कि उसके पाप माफ किए गए हैं। क्या ऐसा कहकर यीशु यह कह रहा है कि एक इंसान परमेश्वर का कानून तोड़ दे तो भी कोई बात नहीं?
अध्याय 43
परमेश्वर के राज के बारे में मिसालें
यीशु स्वर्ग के राज के बारे में कुछ बातें समझाने के लिए आठ मिसालें बताता है।
अध्याय 44
यीशु एक तूफान को शांत करता है
यीशु ने आँधी और लहरों को शांत करके यह दिखाया कि उसके राज में इस तरह की विपत्तियाँ नहीं आएँगी।
अध्याय 45
यीशु बहुत-से दुष्ट स्वर्गदूतों को निकालता है
क्या एक इंसान में एक से ज़्यादा दुष्ट स्वर्गदूत समा सकते हैं?
अध्याय 46
यीशु के कपड़े छूने से बीमारी दूर
इस दिल छू लेनेवाली घटना से पता चलता है कि यीशु के पास कितनी शक्ति है और उसके दिल में कितनी करुणा है।
अध्याय 47
एक छोटी लड़की ज़िंदा होती है
एक छोटी लड़की की मौत हो गयी है। मगर यीशु कहता है कि वह बस सो रही है, इसलिए लोग उस पर हँसते हैं। वह क्या बात जानता है जो वे लोग नहीं जानते?
अध्याय 48
नासरत के लोगों का रवैया
नासरत के लोग यीशु की शिक्षाओं या चमत्कार की वजह से नहीं बल्कि किसी और कारण से उसे मसीहा नहीं मानते।
अध्याय 49
यीशु प्रेषितों को प्रचार करना सिखाता है
‘स्वर्ग का राज पास आ गया है,’ इस बात का असल में क्या मतलब है?
अध्याय 50
ज़ुल्मों के बावजूद प्रचार करने को तैयार
यीशु ने प्रेषितों से कहा कि जब उन पर ज़ुल्म किए जाएँगे, तो वे मौत से न डरें। मगर फिर उसने यह क्यों कहा कि वे भाग जाएँ?
अध्याय 51
किसी के जन्मदिन पर किसी की मौत
सलोमी के नाच से हेरोदेस इतना मोहित हो जाता है कि वह उससे वादा करता है कि वह उसे मुँह माँगी चीज़ दे देगा। वह एक दिल दहला देनेवाली चीज़ माँगती है। वह क्या है?
अध्याय 52
यीशु चमत्कार से हज़ारों को खिलाता है
यीशु का यह चमत्कार इतना अनोखा है कि खुशखबरी की चारों किताबों में इस बारे में लिखा है।
अध्याय 53
ऐसा राजा जो आँधी को शांत कर सकता है
जब यीशु पानी पर चलता है और आँधी को शांत करता है, तो प्रेषितों को क्या-क्या सीख मिलती है?
अध्याय 54
यीशु—“जीवन देनेवाली रोटी”
जब लोग काफी दूर से ढूँढ़ते हुए यीशु के पास आते हैं, तो वह क्यों फटकारता है?
अध्याय 55
यीशु की बातें कई लोगों को घिनौनी लगती हैं
यीशु की एक बात कई चेलों को इतनी घिनौनी लगती है कि वे उसके साथ चलना छोड़ देते हैं।
अध्याय 56
इंसान को दूषित करनेवाली बातें
क्या बात एक इंसान को दूषित करती है? उसके मुँह में जानेवाली चीज़ या उसके मुँह से निकलनेवाली बातें?
अध्याय 57
एक लड़की और एक बधिर आदमी चंगे हुए
जब यीशु एक औरत के राष्ट्र के लोगों को पिल्ले कहता है, तो वह क्यों बुरा नहीं मानती?
अध्याय 58
रोटियों का चमत्कार, खमीर के बारे में चेतावनी
यीशु के चेले बाद में समझ जाते हैं कि वह किस खमीर की बात कर रहा है।
अध्याय 61
यीशु एक लड़के में से दुष्ट स्वर्गदूत को निकालता है
यीशु बताता है कि विश्वास की कमी की वजह से एक लड़का ठीक नहीं हो पाया। किसमें विश्वास की कमी थी?
अध्याय 63
पाप न करने और ठोकर न खिलाने की सलाह
यीशु बताता है कि अगर भाइयों के बीच कोई बड़ी समस्या उठे, तो उसे निपटाने के लिए कौन-से तीन कदम उठाने चाहिए।
अध्याय 64
हमें दूसरों को माफ क्यों करना चाहिए?
यीशु एक बेरहम दास की मिसाल बताकर समझा रहा है कि परमेश्वर चाहता है कि हम दूसरों को ज़रूर माफ कर दें।
अध्याय 65
यीशु यरूशलेम जाते समय सिखाता है
तीन लोगों से यीशु की बातचीत होती है। यीशु बताता है कि किन वजहों से एक व्यक्ति यीशु का चेला बनने से पीछे हट सकता है।
अध्याय 66
यीशु छप्परों के त्योहार के लिए यरूशलेम में है
यीशु की बातें सुननेवाले कुछ लोग क्यों सोचते हैं कि उसमें दुष्ट स्वर्गदूत समाया है?
अध्याय 67
‘आज तक किसी ने उसकी तरह बात नहीं की’
महासभा के लगभग सभी लोग यीशु का विरोध करते हैं, मगर उसका एक सदस्य यीशु के पक्ष में बात करता है।
अध्याय 68
परमेश्वर का बेटा “दुनिया की रौशनी” है
यीशु ने कहा था, “सच्चाई तुम्हें आज़ाद करेगी।” किससे आज़ाद करेगी?
अध्याय 69
उनका पिता अब्राहम है या शैतान?
यीशु बताता है कि अब्राहम के बच्चों को कैसे पहचाना जा सकता है और यीशु का पिता कौन है।
अध्याय 70
जन्म का अंधा आदमी देखने लगा
चेले यीशु से एक आदमी के बारे में पूछते हैं कि यह क्यों अंधा है? क्या इसने पाप किया था? या इसके माता-पिता ने पाप किया था? जब यीशु उसे चंगा कर देता है, तो कुछ लोग इस चमत्कार पर यकीन करते हैं तो कुछ नहीं।
अध्याय 71
उस आदमी से पूछताछ जो पहले अंधा था
जो आदमी पहले अंधा था उसकी बात फरीसी काट नहीं पाते, इसलिए भड़क जाते हैं। उसके माता-पिता को डर है कि फरीसी उसे सभा-घर से बेदखल कर देंगे। फरीसी ऐसा ही करते हैं।
अध्याय 72
यीशु 70 चेलों को प्रचार करने भेजता है
यहूदिया में यीशु 70 चेलों की दो-दो की जोड़ी बनाता है और उन्हें राज के बारे में प्रचार करने भेजता है। उन्हें लोगों से मिलने कहाँ जाना है? सभा-घरों में या लोगों के घर?
अध्याय 73
एक सामरी सच्चा पड़ोसी साबित हुआ
यीशु एक भले सामरी की कहानी बताकर कैसे एक ज़बरदस्त सीख देता है?
अध्याय 74
मेहमान-नवाज़ी और प्रार्थना के बारे में सलाह
यीशु मरियम और मारथा के घर जाता है। वह उन्हें मेहमान-नवाज़ी के बारे में क्या सिखाता है? बाद में वह चेलों को प्रार्थना के बारे में क्या सिखाता है?
अध्याय 75
सच्ची खुशी किस बात से मिलती है?
यीशु अपने विरोधियों को ‘परमेश्वर की शक्ति’ के बारे में बताता है और यह भी कि ‘परमेश्वर का राज कैसे उनके हाथ से निकल चुका है।’ वह यह भी बताता है कि सच्ची खुशी किस बात से मिलती है।
अध्याय 76
एक फरीसी के यहाँ दावत
यीशु फरीसियों और शास्त्रियों का परदाफाश करता है कि वे धर्मी होने का ढोंग करते हैं। वे लोगों से कैसा बोझ उठाने के लिए ज़बरदस्ती करते हैं?
अध्याय 77
यीशु दौलत न बटोरने की सलाह देता है
यीशु ने एक अमीर आदमी की मिसाल बतायी जो बड़े-बड़े गोदाम बनवाता है। उसने दौलत के पीछे न भागने के बारे में क्या सलाह दी जो उसने पहले भी दी थी?
अध्याय 78
विश्वासयोग्य प्रबंधक, तैयार रहो!
यीशु चाहता है कि उसके चेलों का परमेश्वर के साथ रिश्ता मज़बूत रहे। इस मामले में प्रबंधक कैसे उनकी मदद करेगा? तैयार रहने की सलाह मानना क्यों ज़रूरी है?
अध्याय 79
विश्वास न करनेवालों का नाश क्यों होगा?
यीशु कहता है कि वह जिन लोगों को समझाने की कोशिश कर रहा है, वे अगर पश्चाताप नहीं करेंगे, तो उनका नाश हो जाएगा। यीशु उनसे इस बारे में सोचने के लिए कहता है कि क्या परमेश्वर उनसे खुश है। क्या वे इस बात पर ध्यान देंगे?
अध्याय 80
अच्छा चरवाहा और भेड़शालाएँ
यीशु एक भेड़ों और चरवाहे की जो मिसाल बताता है उससे पता चलता है कि वह अपने चेलों के बारे में कैसा महसूस करता है। क्या लोग उसकी शिक्षाओं को मानेंगे और उसके पीछे चलेंगे?
अध्याय 81
यीशु, पिता एक हैं, लेकिन यीशु परमेश्वर नहीं है
यीशु के कुछ विरोधी उस पर इलज़ाम लगाते हैं कि वह खुद को परमेश्वर के बराबर बता रहा है। वह उन्हें कैसे समझदारी से जवाब यीशु, पिता एक हैं, लेकिन यीशु परमेश्वर नहीं है देता है और उनके इलज़ामों को गलत साबित करता है?
अध्याय 82
पेरिया में सेवा
यीशु लोगों को समझाता है कि उद्धार पाने के लिए क्या करना ज़रूरी है और क्यों बहुत लोग उद्धार नहीं पाएँगे। उसकी सलाह उस ज़माने में बहुत काम आयी। क्या आज भी काम आती है?
अध्याय 83
दावत का न्यौता
यीशु एक फरीसी के घर खाना खाते समय एक आलीशान दावत की मिसाल बताता है। वह परमेश्वर के सब लोगों के लिए एक अहम सीख देता है। वह क्या है?
अध्याय 84
यीशु का चेला होना एक बड़ी ज़िम्मेदारी है
मसीह का चेला बनना एक गंभीर ज़िम्मेदारी है। यीशु साफ बताता है कि इसके लिए एक इंसान को क्या करना होगा। कुछ लोग जो आगे चलकर यीशु के चेले बनेंगे, वे उसकी बात सुनकर शायद दंग रह गए।
अध्याय 85
पश्चाताप करनेवाले पापी के लिए खुशियाँ
फरीसी और शास्त्री यीशु को बुरा-भला कहते हैं, क्योंकि वह आम लोगों के साथ उठता-बैठता है। यीशु एक मिसाल बताकर उन्हें समझाता है कि परमेश्वर पापियों को किस नज़र से देखता है।
अध्याय 87
पहले से सोचिए—होशियारी से काम लीजिए
यीशु एक घर के प्रबंधक की मिसाल बताता है जो बेईमान है। यह मिसाल बताकर वह एक ऐसी सीख देता है जिसे जानकर शायद हम हैरान रह जाएँ।
अध्याय 88
अमीर आदमी और लाज़र
यीशु की मिसाल का मतलब समझने के लिए हमें यह जानना होगा कि इस मिसाल के दोनों मुख्य किरदार किन्हें दर्शाते हैं।
अध्याय 89
यीशु पेरिया में सिखाता है
यीशु एक ऐसा गुण बढ़ाने के लिए कहता है जिसके होने से हम उन लोगों को भी माफ करेंगे जो बार-बार हमें ठेस पहुँचाते हैं।
अध्याय 90
“मरे हुओं को ज़िंदा करनेवाला”
यीशु ने कहा कि जो उस पर विश्वास करता है, “वह कभी नहीं मरेगा।” इसका क्या मतलब है?
अध्याय 91
यीशु लाज़र को ज़िंदा करता है
इस चमत्कार से जुड़ी दो ऐसी बातें हैं जिनकी वजह से यीशु के विरोधी भी नहीं कह सकते कि यह चमत्कार नहीं हुआ था।
अध्याय 92
दस कोढ़ी ठीक हुए, एक ने धन्यवाद किया
जो आदमी चंगा हुआ वह यीशु के अलावा किसी और का भी एहसानमंद है।
अध्याय 94
प्रार्थना और नम्रता की अहमियत
यीशु ने एक बुरे न्यायी और विधवा की मिसाल बताकर एक खास गुण बढ़ाने के लिए कहा।
अध्याय 95
तलाक की सही वजह और बच्चों से प्यार
बच्चों के बारे में यीशु की सोच चेलों की सोच से बिलकुल अलग है। वह क्यों?
अध्याय 96
एक अमीर अधिकारी के सवाल का जवाब
यीशु क्यों कहता है कि परमेश्वर के राज में एक अमीर आदमी के दाखिल होने से एक ऊँट का सिलाई की सुई के छेद से निकल जाना ज़्यादा आसान है?
अध्याय 97
अंगूरों के बाग में काम करनेवालों की मिसाल
जो पहले हैं वे आखिरी कैसे होंगे और जो आखिरी हैं वे पहले कैसे होंगे?
अध्याय 98
प्रेषित एक बार फिर बड़ा बनना चाहते हैं
याकूब और यूहन्ना यीशु से पूछते हैं कि परमेश्वर के राज में उन्हें खास पद दिया जाए। बाकी चेले भी उन्हीं की तरह सोचते हैं।
अध्याय 99
दो अंधे आदमी चंगे हुए, जक्कई ने पश्चाताप किया
यीशु ने यरीहो के पास एक अंधे आदमी को चंगा किया था। ऐसा लग सकता है कि इस बारे में बाइबल के दो वाकयों में जो लिखा है, वह एक-दूसरे से अलग है। मगर हम कैसे कह सकते हैं कि दोनों में तालमेल है?
अध्याय 100
चाँदी के सिक्कों की मिसाल
यीशु ने कहा था, “जिसके पास है, उसे और दिया जाएगा। मगर जिसके पास नहीं है, उससे वह भी ले लिया जाएगा जो उसके पास है।” इस बात का क्या मतलब है?
अध्याय 101
बैतनियाह में शमौन के घर दावत
लाज़र की बहन मरियम एक ऐसा काम करती है कि उसे लेकर बहस छिड़ जाती है। यीशु कहता है कि मरियम ने जो किया वह सही है।
अध्याय 102
यरूशलेम में राजा यीशु का स्वागत
यीशु एक ऐसी भविष्यवाणी पूरी करता है जो पाँच सौ साल पहले कही गयी थी।
अध्याय 103
यीशु दोबारा मंदिर को शुद्ध करता है
यरूशलेम में जो लोग व्यापार कर रहे हैं उन्हें देखने पर ऐसा लगता है कि वे कुछ गलत नहीं कर रहे हैं। तो फिर यीशु उन्हें लुटेरे क्यों कहता है?
अध्याय 104
क्या परमेश्वर की आवाज़ सुननेवाले विश्वास करेंगे?
क्या यीशु पर विश्वास करने और उसके मुताबिक काम करने में फर्क है?
अध्याय 105
अंजीर के पेड़ से विश्वास की सीख
यीशु अपने चेलों को सिखाता है कि विश्वास में कितनी ताकत होती है और बताता है कि परमेश्वर क्यों इसराएल राष्ट्र को ठुकरा देगा।
अध्याय 106
अंगूरों के बाग की दो मिसालें
यीशु ने एक मिसाल में बताया कि एक आदमी अपने दो बेटों को उसके अंगूरों के बाग में काम करने के लिए कहता है और दूसरी मिसाल में बताया कि एक आदमी ने अपना अंगूरों का बाग बागबानों को ठेके पर दिया मगर वे दुष्ट निकले। इन दोनों मिसालों का मतलब जानिए।
अध्याय 108
यीशु को फँसाने की कोशिश नाकाम
वह पहले फरीसियों का मुँह बंद करता है और फिर सदूकियों का। आखिर में जब दोनों गुटों के लोग झुंड बनाकर आते हैं, तो वह उनका भी मुँह बंद कर देता है।
अध्याय 111
प्रेषित निशानी पूछते हैं
यीशु की भविष्यवाणी पहली सदी में एक बार पूरी हुई। क्या यह बाद में सारी दुनिया में पूरी होती?
अध्याय 112
दस कुँवारियाँ—जागते रहने का सबक
क्या यीशु यह कहना चाह रहा था कि उसके चेलों में से आधे जन मूर्ख होंगे और आधे समझदार होंगे?
अध्याय 113
तोड़ों की मिसाल—मेहनत करने की सीख
यीशु ने कहा था, “जिसके पास है, उसे और दिया जाएगा।” इस बात का मतलब उसकी एक मिसाल से पता चलता है।
अध्याय 114
भेड़ों और बकरियों का फैसला
यीशु एक बेहतरीन मिसाल बताकर समझाता है कि लोगों का फैसला कैसे किया जाएगा।
अध्याय 115
यीशु का आखिरी फसह आनेवाला है
धर्म-गुरुओं ने यहूदा से कहा कि यीशु को पकड़वाने के बदले वे उसे 30 चाँदी के सिक्के देंगे। इससे क्या पता चलता है?
अध्याय 116
आखिरी फसह के वक्त नम्रता की सीख
यीशु एक ऐसा काम करता है कि प्रेषित देखकर दंग रह जाते हैं।
अध्याय 117
प्रभु का संध्या भोज
यीशु एक ऐसे भोज की शुरूआत करता है जिसे उसके चेलों को हर साल नीसान 14 को मनाना है।
अध्याय 119
यीशु—राह, सच्चाई, जीवन
यीशु इस बारे में एक अहम बात सिखाता है कि इंसान परमेश्वर के पास कैसे पहुँच सकते हैं।
अध्याय 120
फल पैदा करें, यीशु के दोस्त बने रहें
इसका मतलब क्या है कि यीशु के चेलों को ‘फल पैदा करना है?’
अध्याय 121
“हिम्मत रखो! मैंने इस दुनिया पर जीत हासिल कर ली है”
दुनिया ने तो यीशु को मार डाला था। तो फिर उसने दुनिया पर जीत कैसे हासिल की?
अध्याय 122
ऊपरी कमरे में यीशु की आखिरी प्रार्थना
यीशु साफ बताता है कि उसने एक ऐसा काम किया है जो इंसानों के उद्धार से भी ज़्यादा ज़रूरी है।
अध्याय 123
यीशु बहुत दुखी है और प्रार्थना करता है
यीशु ने यह प्रार्थना क्यों की कि ‘यह प्याला उसके सामने से हटा दे’? क्या वह अपनी जान फिरौती के रूप में नहीं देना चाहता था?
अध्याय 126
पतरस यीशु को जानने से इनकार करता है
पतरस का विश्वास तो बहुत मज़बूत था और वह परमेश्वर से प्यार करता था। तो फिर उसने इतनी जल्दी यीशु से मुँह क्यों फेर लिया?
अध्याय 128
पीलातुस और हेरोदेस यीशु को निर्दोष पाते हैं
पीलातुस यीशु को हेरोदेस के पास क्यों भेज देता है ताकि वह उसका फैसला सुनाए? क्या पीलातुस के पास यीशु का फैसला करने का अधिकार नहीं है?
अध्याय 130
यीशु को मार डालने के लिए सौंप दिया जाता है
जो औरतें रो रही हैं उनसे यीशु क्यों कहता है कि वे उसके लिए नहीं बल्कि अपने लिए और अपने बच्चों के लिए रोएँ?
अध्याय 131
एक निर्दोष राजा काठ पर दुख झेलता है
यीशु एक अपराधी से एक ऐसा वादा करता है जो बहुत बड़े पैमाने पर पूरा होगा।
अध्याय 132
“वाकई यह इंसान, परमेश्वर का बेटा था”
दिन के समय परमेश्वर की तरफ से अंधेरा छा गया, बहुत बड़ा भूकंप आया और मंदिर के परदे के दो टुकड़े हो गए। इन सारी घटनाओं से एक बात साबित होती है।
अध्याय 133
यीशु को दफनाया जाता है
यीशु की लाश को सूरज ढलने से पहले दफनाने के लिए जल्दी-जल्दी क्यों तैयार किया जाता है?
अध्याय 134
कब्र खाली है, यीशु ज़िंदा हो गया है!
यीशु ज़िंदा होने के बाद अपने प्रेषितों को नहीं बल्कि एक औरत को दिखायी देता है जो उसकी शिष्या है।
अध्याय 135
यीशु बहुत लोगों को दिखायी देता है
यीशु चेलों को कैसे यकीन दिलाता है कि वह ज़िंदा हो गया है?
अध्याय 136
गलील झील के किनारे
पतरस को तीन बार याद दिलाया जाता है कि अगर वह यीशु से प्यार करता है तो उसे क्या करना चाहिए।
अध्याय 137
पिन्तेकुस्त से पहले सैकड़ों चेले यीशु को देखते हैं
यीशु ज़िंदा होने के बाद कई बार अपने चेलों को बताता है कि उन्हें क्या दिया जाएगा और उन्हें क्या करना चाहिए।
अध्याय 138
मसीह—परमेश्वर की दायीं तरफ
जब यीशु दुश्मनों पर जीत हासिल करने के समय का इंतज़ार कर रहा होता, तो वह उस दौरान क्या करता?
अध्याय 139
यीशु अपनी ज़िम्मेदारी पूरी करेगा
अपने पिता और परमेश्वर को राज सौंपने से पहले यीशु को बहुत काम करना है।
यीशु के नक्शेकदम पर चलिए
ऐसे आठ गुणों के बारे में जानिए जो यीशु ने सारी ज़िंदगी दर्शाए।
आयतों की सूची
इस सूची से जानिए कि इस किताब के किस अध्याय में खुशखबरी की किताबों की आयतें समझायी गयी हैं।
मिसालों (कहानियों) की सूची
जानिए कि इस किताब के किस अध्याय में यीशु की कौन-सी मिसाल समझायी गयी है।
मसीहा के बारे में कुछ भविष्यवाणियाँ
गौर कीजिए कि यीशु के जीवन की घटनाओं से बाइबल की भविष्यवाणियाँ कैसे पूरी हुईं। इससे साबित होता है कि वही मसीहा है। यह भी देखिए कि इन भविष्यवाणियों के बारे में इस किताब के किन अध्यायों में बताया गया है।
यीशु इन इलाकों में रहा और यहाँ उसने सिखाया
इस नक्शे में दिखाया गया है कि यीशु ने कहाँ-कहाँ सेवा की।