आप सच्चे धर्म का कैसे पता लगा सकते हैं?
पाठ १३
आप सच्चे धर्म का कैसे पता लगा सकते हैं?
क्या परमेश्वर सभी धर्मों से प्रसन्न होता है, या केवल एक से? (१)
मसीही होने का दावा करनेवाले इतने सारे धर्म क्यों हैं? (२)
आप सच्चे मसीहियों को कैसे पहचान सकते हैं? (३-७)
१. यीशु ने एक सच्चा मसीही धर्म शुरू किया। सो आज यहोवा परमेश्वर के सच्चे उपासकों का केवल एक निकाय या समूह होना चाहिए। (यूहन्ना ४:२३, २४; इफिसियों ४:४, ५) बाइबल सिखाती है कि केवल गिने-चुने लोग जीवन की ओर जानेवाले सकरे मार्ग पर हैं।—मत्ती ७:१३, १४.
२. बाइबल ने पूर्वबताया कि प्रेरितों की मृत्यु के बाद, ग़लत शिक्षाएँ और अमसीही कार्य धीरे-धीरे मसीही कलीसिया में प्रवेश करते। मनुष्य विश्वासियों को खींच ले जाते ताकि वे मसीह के बजाय उनका अनुकरण करें। (मत्ती ७:१५, २१-२३; प्रेरितों २०:२९, ३०) इसीलिए हम इतने सारे भिन्न-भिन्न धर्मों को देखते हैं जो मसीही होने का दावा करते हैं। हम सच्चे मसीहियों को कैसे पहचान सकते हैं?
३. सच्चे मसीहियों का सबसे स्पष्ट दिखनेवाला चिन्ह यह है कि उनमें आपस में सच्चा प्रेम है। (यूहन्ना १३:३४, ३५) उन्हें यह सोचना सिखाया नहीं जाता कि वे दूसरी जाति या रंग के लोगों से बेहतर हैं। ना ही उन्हें अन्य देशों के लोगों से घृणा करना सिखाया जाता है। (प्रेरितों १०:३४, ३५) सो वे युद्धों में भाग नहीं लेते। सच्चे मसीही एक दूसरे से बतौर भाई और बहन के व्यवहार करते हैं।—१ यूहन्ना ४:२०, २१.
४. सच्चे धर्म का एक और चिन्ह है कि उसके सदस्यों को बाइबल के लिए गहरा आदर है। वे इसे परमेश्वर के वचन के रूप में स्वीकार करते हैं और वह जो कहती है उस पर विश्वास करते हैं। (यूहन्ना १७:१७; २ तीमुथियुस ३:१६, १७) वे परमेश्वर के वचन को मानवीय विचारों या प्रथाओं से ज़्यादा महत्त्वपूर्ण समझते हैं। (मत्ती १५:१-३, ७-९) वे अपने रोज़मर्रा जीवन में बाइबल के अनुसार जीने की कोशिश करते हैं। सो वे एक बात का प्रचार और दूसरी बात का आचार नहीं करते।—तीतुस १:१५, १६.
५. सच्चे धर्म को परमेश्वर के नाम का सम्मान भी करना चाहिए। (मत्ती ६:९) यीशु ने परमेश्वर का नाम, यहोवा, दूसरों को बताया। सच्चे मसीहियों को भी ऐसा ही करना चाहिए। (यूहन्ना १७:६, २६; रोमियों १०:१३, १४) आपके समुदाय में कौन लोग हैं जो दूसरों को परमेश्वर के नाम के बारे में बताते हैं?
६. सच्चे मसीहियों को परमेश्वर के राज्य के बारे में प्रचार करना चाहिए। यीशु ने ऐसा किया। उसने हमेशा राज्य के बारे में बात की। (लूका ८:१) उसने अपने शिष्यों को आज्ञा दी कि इसी संदेश को सारी पृथ्वी में प्रचार करें। (मत्ती २४:१४; २८:१९, २०) सच्चे मसीही विश्वास करते हैं कि केवल परमेश्वर का राज्य इस पृथ्वी पर सच्ची शान्ति और सुरक्षा लाएगा।—भजन १४६:३-५.
७. यीशु के शिष्यों के लिए ज़रूरी है कि इस दुष्ट संसार का भाग न हों। (यूहन्ना १७:१६) वे संसार के राजनैतिक मामलों और सामाजिक वाद-विवादों में शामिल नहीं होते। वे ऐसे हानिकारक आचरण, कार्यों, और मनोवृत्तियों से दूर रहते हैं जो संसार में आम हैं। (याकूब १:२७; ४:४) क्या आप अपने समुदाय में ऐसे धार्मिक समूह को पहचान सकते हैं जिनके पास सच्ची मसीहियत के ये चिन्ह हैं?
[पेज २६, २७ पर तसवीरें]
सच्चे मसीही एक दूसरे से प्रेम करते हैं, बाइबल का आदर करते हैं, और परमेश्वर के राज्य के बारे में प्रचार करते हैं