कहानी 4
उसने अपने पापा और यहोवा दोनों को खुश किया
क्या आप तसवीर में इस लड़की को देख रहे हैं?— बाइबल में इस लड़की का नाम नहीं बताया गया है। मगर इस लड़की के पापा का नाम था यिप्तह। इस लड़की ने अपने पापा और यहोवा दोनों को खुश किया था। आइए हम उसके और उसके पापा, यिप्तह के बारे में सीखें।
यिप्तह एक अच्छा आदमी था और उसने अपनी बेटी को यहोवा के बारे में बहुत कुछ सिखाया था। वह एक ताकतवर आदमी था और अच्छा अगुवा भी था। इसलिए इसराएलियों ने उसे चुना, ताकि वह दुश्मनों से लड़ने में उनकी अगुवाई कर सके।
यिप्तह ने इस लड़ाई को जीतने के लिए परमेश्वर से प्रार्थना में मदद माँगी। उसने यहोवा से वादा किया कि अगर वह जीत गया, तो घर लौटने पर जो भी व्यक्ति सबसे पहले उसके घर से बाहर निकलेगा, उसे वह यहोवा की सेवा करने के लिए दे देगा। इसका मतलब
है कि उस व्यक्ति को अपना घर छोड़कर अपनी पूरी ज़िंदगी परमेश्वर के निवासस्थान में काम करना होगा। उस ज़माने में निवासस्थान वह जगह थी, जहाँ लोग परमेश्वर की उपासना करने जाते थे। लड़ाई में यिप्तह की जीत हुई! क्या आपको पता है कि जब वह घर लौटा, तो सबसे पहले कौन उसके घर से बाहर निकला?—यिप्तह की बेटी सबसे पहले बाहर निकली! उसको छोड़, यिप्तह को और कोई बेटा या बेटी नहीं थी। अब यिप्तह को यहोवा से किया अपना वादा पूरा करना होगा। उसे अपनी बेटी को अपने से दूर भेजना होगा। यह सोचकर यिप्तह बहुत दुखी हो गया। लेकिन वह अपना वादा तोड़ नहीं सकता था। और उसकी बेटी ने भी उससे यही कहा: ‘पापा, आपने यहोवा से जो वादा किया था, उसे आपको पूरा करना होगा।’
यिप्तह की बेटी भी दुखी थी। निवासस्थान में सेवा करने के लिए वह शादी नहीं कर सकती थी और न ही बच्चे पैदा कर सकती थी। लेकिन वह अपने पापा का वादा पूरा करना चाहती थी और यहोवा को खुश करना चाहती थी। उसके लिए शादी करने या बच्चे पैदा करने से ज़्यादा ज़रूरी था, यहोवा को खुश करना। इसलिए उसने अपना घर छोड़ दिया और सारी ज़िंदगी निवासस्थान में सेवा करती रही।
आपको क्या लगता है, यिप्तह की बेटी ने जो किया, क्या उससे यहोवा और उसके पापा खुश हुए?— वे बहुत खुश हुए! अगर आप भी दूसरों का कहना मानें, और यहोवा से प्यार करें, तो आप भी यिप्तह की बेटी की तरह बन सकते हैं। उसकी तरह, आप भी अपने मम्मी-पापा और यहोवा को बहुत खुश करेंगे।