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ज़रूर आइएगा!

यीशु की कुरबानी याद करें

शनिवार, 12 अप्रैल, 2025

दो कार्यक्रमों में आपका स्वागत है। इनमें हाज़िर होने के लिए आपसे कोई पैसा नहीं लिया जाएगा। ये कार्यक्रम हैं

बाइबल पर आधारित खास भाषण

“झूठ से भरी दुनिया में क्या सच्चाई जानना मुमकिन है?”

जानिए कि यीशु ने क्या बताया कि सच्चाई क्या है और वह कहाँ मिल सकती है।

खास​ भाषण कहाँ दिया जाएगा

यीशु की मौत का स्मारक

यह एक बहुत अहम घटना है जब यहोवा के साक्षी यीशु की मौत का दिन याद करते हैं, ठीक जैसे यीशु ने आज्ञा दी थी।—लूका 22:19.

अकसर पूछे जानेवाले सवाल

कौन आ सकते हैं?

सभी आ सकते हैं। आप अपने परिवारवालों को भी ला सकते हैं।

दोनों कार्यक्रम कितने लंबे होंगे?

बाइबल पर आधारित खास भाषण आधे घंटे का होगा। उसके बाद बाइबल के किसी विषय पर हाज़िर लोगों के साथ एक घंटे के लिए चर्चा होगी।

स्मारक का कार्यक्रम करीब एक घंटे का होगा।

ये कहाँ होंगे?

यह जानने के लिए ऊपर दिए बटन, “स्मारक का कार्यक्रम कहाँ होगा” और “खास भाषण कहाँ दिया जाएगा” पर क्लिक कीजिए।

क्या इसमें हाज़िर होने के लिए कोई फीस लगेगी? क्या इसके बाद से मुझे हर सभा में आना पड़ेगा?

नहीं।

क्या वहाँ आपसे कोई चंदा माँगा जाएगा?

नहीं। यहोवा के साक्षियों की किसी भी सभा में लोगों से चंदा नहीं माँगा जाता।—मत्ती 10:8.

क्या इसके लिए आपको किसी खास तरह के कपड़े पहनकर आने होंगे?

नहीं। लेकिन यहोवा के साक्षी ऐसे कपड़े पहनते हैं, जो सलीकेदार हैं और जिनसे मर्यादा झलकती है।

स्मारक की सभा में क्या-क्या होगा?

सभा की शुरूआत में एक गीत गाया जाएगा। फिर यहोवा का एक साक्षी प्रार्थना करेगा। उसके बाद एक भाषण होगा जिसमें समझाया जाएगा कि यीशु ने अपनी जान क्यों दी। उसमें यह भी बताया जाएगा कि परमेश्‍वर और यीशु ने हमारे लिए जो किया, उससे हमें क्या फायदा हो सकता है। भाषण के बाद गीत गाया जाएगा और एक प्रार्थना से सभा खत्म होगी।

ज़्यादा जानने के लिए “यहोवा के साक्षी यीशु की मौत की यादगार अलग तरीके से क्यों मनाते हैं?” लेख पढ़ें।

स्मारक कब-कब होंगे?

2025: शनिवार, 12 अप्रैल

2026: गुरुवार, 2 अप्रैल

2027: सोमवार, 22 मार्च

ज़्यादा जानने के लिए आगे बताए वीडियो देखें।

यीशु के बलिदान को याद कीजिए

स्मारक कैसे मनाया जाएगा और यीशु की कुरबानी की वजह से हमें कितनी बढ़िया ज़िंदगी मिलनेवाली है, इसकी एक झलक देखें।

यीशु क्यों मरा?

आपने सुना होगा कि यीशु ने हमारे लिए अपनी जान दी ताकि हमारे पाप मिट जाएँ और हम ज़िंदगी पाएँ। पर एक आदमी की कुरबानी से लाखों लोगों को ज़िंदगी कैसे मिल सकती है?

आप चाहें तो इस निमंत्रण-पत्र को डाउनलोड करके प्रिंट कर सकते हैं।