प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण अक्टूबर 2014

इस अंक में 1 से 28 दिसंबर, 2014 के अध्ययन लेख दिए गए हैं।

उन्होंने खुशी-खुशी खुद को पेश किया—ताईवान में

100 से भी ज़्यादा यहोवा के साक्षी वहाँ जाकर सेवा कर रहे हैं, जहाँ राज प्रचारकों की ज़्यादा ज़रूरत है। उनके मज़ेदार अनुभव पढ़िए और उनसे इस सेवा में कामयाब होने के राज़ जानिए।

परमेश्‍वर के राज पर अटूट विश्‍वास रखिए

यहोवा ने एक-के-बाद-एक 6 करारों का इस्तेमाल करके यह गारंटी दी कि उसका राज उसके मकसद को ज़रूर पूरा करेगा। ये करार हमें अपना विश्‍वास मज़बूत करने में कैसे मदद दे सकते हैं?

तुम “याजकों का राज्य” ठहरोगे

6 करारों में से आखिरी तीन करार हमें परमेश्‍वर के राज पर भरोसा करने और राज की खुशखबरी का दूसरों को प्रचार करने का बढ़ावा दे सकते हैं।

जीवन कहानी

राज के कामों में बितायी मेरी ज़िंदगी की खास घटनाएँ

मिल्ड्रेड ओल्सन 75 सालों से यहोवा की सेवा कर रही है, जिसमें से 29 साल वह एल साल्वाडर में मिशनरी थी। क्या बात उसे जवान महसूस कराती है?

यहोवा के साथ काम करने के सम्मान को अनमोल समझिए!

क्या बात यहोवा के उपासकों को शैतान की दुनिया में अपनी ख्वाहिशें पूरी न करने का बढ़ावा देती है?

“अपना मन स्वर्ग की बातों पर ही लगाए रखो”

जिन्हें धरती पर हमेशा की ज़िंदगी जीने की आशा है, उन्हें अपना मन स्वर्ग की बातों पर क्यों लगाए रखना चाहिए? वे ऐसा कैसे कर सकते हैं?